PET Practice Set in Hindi

1. 
प्लासी युद्ध में नवाब सिराज उद्दौला की हार का मुख्य कारण क्या था?

2. 
पृथ्वीराज चौहान का सबसे प्रसिद्ध युद्ध किससे था?

3. 
जैन धर्म का सबसे महत्वपूर्ण मौलिक सिद्धान्त है :

4. 
बिन्दुसार के शासनकाल में कौन ग्रीक राजदूत मौर्य दरबार में आया था?

5. 
किस इतिहासकार ने समुद्रगुप्त को 'भारत का नेपोलियन' कहा था ?

6. 
भारतीय शासन अधिनियम, 1935 के द्वारा स्थापित संघ में अवशिष्ट शक्तियाँ किसे दी गई थी?

7. 
बंगाल में ________ आंदोलन के दौरान, तिरंगा झंडा (लाल, हरा और पीला) डिज़ाइन किया गया था l

8. 
महात्मा गाँधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष किस वर्ष बने?

9. 
1916 का लखनऊ समझौता महत्तवपूर्ण था क्योंकि इसके बाद कांग्रेस ने किया-

10. 
असहयोग आन्दोलन किस सन में प्रारम्भ हुआ?

11. 
विश्व का सबसे ऊँचा हवाई पतन (हवाई अड्डा) कौन सा है?

12. 
भौगोलिक इतिहास के अनुसार भारत का प्राचीनतम पर्वत हैं-

13. 
पोनमुडी, दक्षिण भारत का एक छोटा सा हिल स्टेशन हैं। यह किस शहर के पास स्थित हैं?

14. 
निम्न में से कौन-सी नदी थार मरुस्थल से होकर नहीं बहती?

15. 
भारत के कितने राज्यों की सीमा, सिक्किम से जुड़ी हुई हैं?

16. 
अर्थव्यवस्था की दृष्टि से ITC का पूर्ण रूप क्या हैं?

17. 
भारत में किस पंचवर्षीय योजना के तहत ''हरित क्रांति'' शुरू की गई थी?

18. 
भारत में कृषि को वित्त देने वाली शीर्ष संस्था है-

19. 
राष्ट्रीय संदर्भ मेनिम्नलिखित में से कौन वृहत दृष्टिकोण को इंगित करता है?

20. 
कौन सी भारतीय वित्तीय संस्था शेयर बाजार में निवेशकों की सुरक्षा करती है?

21. 
भारतीय संविधान की किस अनुसूची में सभी आधिकारिक भाषाओँ का सूची दी गई हैं?

22. 
नेहरु ने इस बात पर बल दिया कि संविधान सभा को अपनी ताकत मुख्य रूप से _________ से मिली हैं।

23. 
निम्नलिखित में से किस अधिनियम ने विधान परिषदों में भारतीय प्रतिनिधित्व की शुरुआत की?

24. 
1976 से पहले संविधान में निम्नलिखित में से किसका उल्लेख नहीं था?

25. 
भारतीय संविधान के अनुसार, राज्य लोक सेवा आयोगों के सदस्यों का नियुक्ति प्राधिकारी किसे माना जाता हैं?

26. 
निम्न मे से कौन सा तत्व आधुनिक आवर्त सारणी के d ब्लाॅक का तत्व हैं ?

27. 
न्यूट्रॉन की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार किसे दिया गया था?

28. 
ध्वनि तरंगे _________ में यात्रा नहीं कर सकती ।

29. 
जलाने पर निम्न में से कौन सी धातु, ज्वाला को पीला रंग प्रदान करती हैं?

30. 
हाथी, भालू, तथा गैंडा किस जाति के जीव हैं?

31. 
50 का 860% +860 का 50% किसके बराबर होगा?

32. 
\(\frac{368.528\times0.006756}{4484.612\times0.8891}\) का लगभग किसके बराबर हैं?

33. 
\(\sqrt{{248} +\sqrt{{52} +\sqrt{144}}}\) = ?

34. 
एक व्यापारी अपना माल लागत मूल्य से 22% की हानि पर बेचता है लेकिन 44% कम वजन का उपयोग करता है। उसका लाभ या हानि प्रतिशत कितना होगा?

35. 
(a+b) का वह अधिकतम मान ज्ञात कीजिए, जिसके लिए 8 – अंकीय संख्या 4523a60b, 15 से विभाज्य हो जाए।

36. 
'उद्धत' का विलोम शब्द हैं-

37. 
कौन -सा शब्द 'दास' का पर्यायवाची नहीं हैं?

38. 
निम्नलिखित में से शुद्ध वाक्य कौन-सा है?

39. 
प्रेमचंद के अपूर्ण उपन्यास का क्या नाम हैं ?

40. 
'कान का कच्चा होना' मुहावरे का अर्थ हैं:

41. 
Select the antonym of the given word.

Bless

42. 
Select the most appropriate option to fill in the blank.

My forefinger is still _______ where I caught it in the door this morning.

43. 
Select the correctly spelt word.

44. 
Read the following paragraph and answer the following questions :

The story recounts the narrator’s thrilling experience of horse riding with his cousin Mourad. Mourad is a lively, adventurous boy, passionate about horses, and considered a little crazy by everyone. One morning, he appears riding a beautiful horse and invites the narrator to join him. The narrator is surprised, knowing their Garoghlanian tribe is very poor and values honesty above all. He suspects the horse has been stolen but chooses to ride it anyway, overwhelmed by the joy of the moment. Mourad reminds the narrator of their eccentric uncle Khosrove, who was known for dismissing all worries by saying, “It is no harm, pay no attention to it.” The story beautifully explores themes of honesty, family tradition, madness, and the joy of childhood.
Q. What was the most notable trait of the Garoghlanian family?

45. 
Read the following paragraph and answer the following questions :

The story recounts the narrator’s thrilling experience of horse riding with his cousin Mourad. Mourad is a lively, adventurous boy, passionate about horses, and considered a little crazy by everyone. One morning, he appears riding a beautiful horse and invites the narrator to join him. The narrator is surprised, knowing their Garoghlanian tribe is very poor and values honesty above all. He suspects the horse has been stolen but chooses to ride it anyway, overwhelmed by the joy of the moment. Mourad reminds the narrator of their eccentric uncle Khosrove, who was known for dismissing all worries by saying, “It is no harm, pay no attention to it.” The story beautifully explores themes of honesty, family tradition, madness, and the joy of childhood.
Q.Who is the central character that accompanies the narrator in the story?

46. 
आलोक वरुण से 300 दिन बड़ा है और संदीप आलोक से 50 सप्ताह बड़ा है। यदि संदीप का जन्म मंगलवार को हुआ था, तो वरुण का जन्म किस दिन हुआ था?

47. 
सविता ने एक लड़के का यह कहकर परिचय कराया की वह मेरे मामा के पिता की इकलौती पुत्री का पुत्र है। लड़का सविता का क्या लगता है?

48. 
दी गई श्रृंखला में प्रश्न चिह्न (?) के स्थान पर क्या आना चाहिए?

35, 8, 43, 47, 11, 58, 59, 14, ?

49. 
छः लड़किया एक वृताकार घेरे में केन्द्र की ओर मुंह करके खड़ी है। पिंकी के बाईं ओर रीना है। रीना और शिवानी के मध्य में भाना है। हिमांशी, पिंकी और निम्मी के बीच में है। शिवानी के बाएँ ओर कौन है ?

50. 
एक निश्चित कूट भाषा में, 'CRIME' को '15432' के रूप में कूटबद्ध किया जाता हैं और 'CROME' को '13942' के रूप में कूटबद्ध किया जाता हैं। दी गई कूट भाषा में 'I' के लिए कूट क्या होगा?

51. 
मई 2025 में जर्मनी के नए चांसलर के रूप में किसे चुना गया है?

52. 
एकीकृत पेंशन योजना (UPS) कब लागू हुई?

53. 
राफेल लड़ाकू विमानों का निर्माण कौन करता है और यह किस देश में स्थित है?

54. 
2025 के आम चुनाव के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री कौन बने?

55. 
विराट कोहली से अधिक टेस्ट रन बनाने वाले केवल तीन भारतीय क्रिकेटर कौन हैं?

56. 
ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 किस क्रिकेट टीम ने जीती?

57. 
मार्च 2025 में बलूचिस्तान में यात्री ट्रेन का अपहरण किसने किया?

58. 
रायसीना डायलॉग 2025 में मुख्य अतिथि कौन थे?

59. 
बिल गेट्स कौन हैं, जिन्होंने मार्च 2025 में भारत का दौरा किया और प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की?

60. 
भारतीय नौसेना ने मई 2025 में एक प्राचीन सिले हुए जहाज को शामिल किया। 5वीं शताब्दी के जहाज का यह पुनर्निर्माण निम्नलिखित में से किससे प्रेरित था?

61. 
अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस हर साल कब मनाया जाता हैं?

62. 
लोक चित्रकला ‘मधुबनी’ किस राज्य में लोकप्रिय है?

63. 
विजय अमृतराज और आनंद अमृतराज किस खेल से सम्बंधित हैं?

64. 
हॉकी मे कितने खिलाड़ी होते हैं?

65. 
विश्व स्वास्थय दिवस कब मनाया जाता हैं?

66. 
तमिल समुदाय द्वारा प्रत्येक वर्ष जनवरी में निम्नलिखित में से कौन – सा फसल और सांस्कृतिक त्यौहार मनाया जाता है?

67. 
त्रिपुरा किस की राजधानी हैं?

68. 
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान किस राज्य में स्थित है?

69. 
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) का मुख्यालय कहाँ है?

70. 
विधानसभा का सत्र बुलाने का अधिकार किसे होता है?

71. 
निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

बिल गेट्स की कहानी एक प्रेरणादायक सफलता की गाथा है। बिल गेट्स का जन्म 28 अक्टूबर 1955 को अमेरिका के सिएटल शहर में हुआ। बचपन से ही वे बहुत होशियार और समझदार थे। उन्हें कंप्यूटरों में गहरी रुचि थी और कम उम्र में ही उन्होंने प्रोग्रामिंग सीखना शुरू कर दिया। स्कूल में वे अपने दोस्तों के साथ कंप्यूटर पर काम करते और नई-नई तकनीक सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। 1975 में बिल गेट्स और उनके दोस्त पॉल एलन ने मिलकर माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की स्थापना की। उस समय कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर की दुनिया बहुत छोटी थी, लेकिन बिल गेट्स ने इस क्षेत्र में बड़ा भविष्य देखा। उन्होंने पर्सनल कंप्यूटरों के लिए सॉफ्टवेयर बनाने पर ध्यान दिया, जिससे आम लोगों के लिए कंप्यूटर का उपयोग आसान हो गया। उनके बनाए गए विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम ने कंप्यूटर की दुनिया में क्रांति ला दी और माइक्रोसॉफ्ट को दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी बना दिया। बिल गेट्स की सफलता आसान नहीं थी। उन्हें कई कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी मेहनत और दूरदर्शिता ने उन्हें हर बार जीत दिलाई। वे हमेशा नए विचारों और नवाचारों के साथ आगे बढ़ते रहे। साथ ही, उन्होंने समाज सेवा को भी अपना लक्ष्य बनाया। उन्होंने अपनी पत्नी मेलिंडा के साथ मिलकर बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की स्थापना की, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में काम करता है। यह फाउंडेशन दुनिया भर में जरूरतमंदों की मदद करता है। बिल गेट्स आज न केवल एक सफल व्यवसायी बल्कि एक महान परोपकारी के रूप में जाने जाते हैं। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि मेहनत, लगन और सही दिशा में काम करने से कोई भी बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। वे अपनी सफलता को दूसरों के जीवन सुधारने में लगाते हैं और इसी वजह से उन्हें विश्व में सम्मान मिलता है। उनका जीवन एक उदाहरण है कि कैसे तकनीक और परोपकार के माध्यम से दुनिया को बेहतर बनाया जा सकता है।

प्रश्न : बिल गेट्स ने माइक्रोसॉफ्ट की स्थापना के समय कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर की दुनिया को कैसे देखा था?

72. 
निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

बिल गेट्स की कहानी एक प्रेरणादायक सफलता की गाथा है। बिल गेट्स का जन्म 28 अक्टूबर 1955 को अमेरिका के सिएटल शहर में हुआ। बचपन से ही वे बहुत होशियार और समझदार थे। उन्हें कंप्यूटरों में गहरी रुचि थी और कम उम्र में ही उन्होंने प्रोग्रामिंग सीखना शुरू कर दिया। स्कूल में वे अपने दोस्तों के साथ कंप्यूटर पर काम करते और नई-नई तकनीक सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। 1975 में बिल गेट्स और उनके दोस्त पॉल एलन ने मिलकर माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की स्थापना की। उस समय कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर की दुनिया बहुत छोटी थी, लेकिन बिल गेट्स ने इस क्षेत्र में बड़ा भविष्य देखा। उन्होंने पर्सनल कंप्यूटरों के लिए सॉफ्टवेयर बनाने पर ध्यान दिया, जिससे आम लोगों के लिए कंप्यूटर का उपयोग आसान हो गया। उनके बनाए गए विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम ने कंप्यूटर की दुनिया में क्रांति ला दी और माइक्रोसॉफ्ट को दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी बना दिया। बिल गेट्स की सफलता आसान नहीं थी। उन्हें कई कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी मेहनत और दूरदर्शिता ने उन्हें हर बार जीत दिलाई। वे हमेशा नए विचारों और नवाचारों के साथ आगे बढ़ते रहे। साथ ही, उन्होंने समाज सेवा को भी अपना लक्ष्य बनाया। उन्होंने अपनी पत्नी मेलिंडा के साथ मिलकर बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की स्थापना की, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में काम करता है। यह फाउंडेशन दुनिया भर में जरूरतमंदों की मदद करता है। बिल गेट्स आज न केवल एक सफल व्यवसायी बल्कि एक महान परोपकारी के रूप में जाने जाते हैं। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि मेहनत, लगन और सही दिशा में काम करने से कोई भी बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। वे अपनी सफलता को दूसरों के जीवन सुधारने में लगाते हैं और इसी वजह से उन्हें विश्व में सम्मान मिलता है। उनका जीवन एक उदाहरण है कि कैसे तकनीक और परोपकार के माध्यम से दुनिया को बेहतर बनाया जा सकता है।
प्रश्न : बिल गेट्स की सफलता के मार्ग में कौन-सी विशेषताएँ उन्हें हर बार जीत दिलाने वाली साबित हुईं?

 
 

73. 
निम्नलिखित गद्दाांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

बिल गेट्स की कहानी एक प्रेरणादायक सफलता की गाथा है। बिल गेट्स का जन्म 28 अक्टूबर 1955 को अमेरिका के सिएटल शहर में हुआ। बचपन से ही वे बहुत होशियार और समझदार थे। उन्हें कंप्यूटरों में गहरी रुचि थी और कम उम्र में ही उन्होंने प्रोग्रामिंग सीखना शुरू कर दिया। स्कूल में वे अपने दोस्तों के साथ कंप्यूटर पर काम करते और नई-नई तकनीक सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। 1975 में बिल गेट्स और उनके दोस्त पॉल एलन ने मिलकर माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की स्थापना की। उस समय कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर की दुनिया बहुत छोटी थी, लेकिन बिल गेट्स ने इस क्षेत्र में बड़ा भविष्य देखा। उन्होंने पर्सनल कंप्यूटरों के लिए सॉफ्टवेयर बनाने पर ध्यान दिया, जिससे आम लोगों के लिए कंप्यूटर का उपयोग आसान हो गया। उनके बनाए गए विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम ने कंप्यूटर की दुनिया में क्रांति ला दी और माइक्रोसॉफ्ट को दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी बना दिया। बिल गेट्स की सफलता आसान नहीं थी। उन्हें कई कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी मेहनत और दूरदर्शिता ने उन्हें हर बार जीत दिलाई। वे हमेशा नए विचारों और नवाचारों के साथ आगे बढ़ते रहे। साथ ही, उन्होंने समाज सेवा को भी अपना लक्ष्य बनाया। उन्होंने अपनी पत्नी मेलिंडा के साथ मिलकर बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की स्थापना की, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में काम करता है। यह फाउंडेशन दुनिया भर में जरूरतमंदों की मदद करता है। बिल गेट्स आज न केवल एक सफल व्यवसायी बल्कि एक महान परोपकारी के रूप में जाने जाते हैं। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि मेहनत, लगन और सही दिशा में काम करने से कोई भी बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। वे अपनी सफलता को दूसरों के जीवन सुधारने में लगाते हैं और इसी वजह से उन्हें विश्व में सम्मान मिलता है। उनका जीवन एक उदाहरण है कि कैसे तकनीक और परोपकार के माध्यम से दुनिया को बेहतर बनाया जा सकता है।

प्रश्न : बिल गेट्स का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

74. 
निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

बिल गेट्स की कहानी एक प्रेरणादायक सफलता की गाथा है। बिल गेट्स का जन्म 28 अक्टूबर 1955 को अमेरिका के सिएटल शहर में हुआ। बचपन से ही वे बहुत होशियार और समझदार थे। उन्हें कंप्यूटरों में गहरी रुचि थी और कम उम्र में ही उन्होंने प्रोग्रामिंग सीखना शुरू कर दिया। स्कूल में वे अपने दोस्तों के साथ कंप्यूटर पर काम करते और नई-नई तकनीक सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। 1975 में बिल गेट्स और उनके दोस्त पॉल एलन ने मिलकर माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की स्थापना की। उस समय कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर की दुनिया बहुत छोटी थी, लेकिन बिल गेट्स ने इस क्षेत्र में बड़ा भविष्य देखा। उन्होंने पर्सनल कंप्यूटरों के लिए सॉफ्टवेयर बनाने पर ध्यान दिया, जिससे आम लोगों के लिए कंप्यूटर का उपयोग आसान हो गया। उनके बनाए गए विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम ने कंप्यूटर की दुनिया में क्रांति ला दी और माइक्रोसॉफ्ट को दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी बना दिया। बिल गेट्स की सफलता आसान नहीं थी। उन्हें कई कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी मेहनत और दूरदर्शिता ने उन्हें हर बार जीत दिलाई। वे हमेशा नए विचारों और नवाचारों के साथ आगे बढ़ते रहे। साथ ही, उन्होंने समाज सेवा को भी अपना लक्ष्य बनाया। उन्होंने अपनी पत्नी मेलिंडा के साथ मिलकर बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की स्थापना की, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में काम करता है। यह फाउंडेशन दुनिया भर में जरूरतमंदों की मदद करता है। बिल गेट्स आज न केवल एक सफल व्यवसायी बल्कि एक महान परोपकारी के रूप में जाने जाते हैं। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि मेहनत, लगन और सही दिशा में काम करने से कोई भी बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। वे अपनी सफलता को दूसरों के जीवन सुधारने में लगाते हैं और इसी वजह से उन्हें विश्व में सम्मान मिलता है। उनका जीवन एक उदाहरण है कि कैसे तकनीक और परोपकार के माध्यम से दुनिया को बेहतर बनाया जा सकता है।
प्रश्न : बिल गेट्स फाउंडेशन के प्रमुख उद्देश्य क्या हैं?

 
 

75. 
निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

बिल गेट्स की कहानी एक प्रेरणादायक सफलता की गाथा है। बिल गेट्स का जन्म 28 अक्टूबर 1955 को अमेरिका के सिएटल शहर में हुआ। बचपन से ही वे बहुत होशियार और समझदार थे। उन्हें कंप्यूटरों में गहरी रुचि थी और कम उम्र में ही उन्होंने प्रोग्रामिंग सीखना शुरू कर दिया। स्कूल में वे अपने दोस्तों के साथ कंप्यूटर पर काम करते और नई-नई तकनीक सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। 1975 में बिल गेट्स और उनके दोस्त पॉल एलन ने मिलकर माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की स्थापना की। उस समय कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर की दुनिया बहुत छोटी थी, लेकिन बिल गेट्स ने इस क्षेत्र में बड़ा भविष्य देखा। उन्होंने पर्सनल कंप्यूटरों के लिए सॉफ्टवेयर बनाने पर ध्यान दिया, जिससे आम लोगों के लिए कंप्यूटर का उपयोग आसान हो गया। उनके बनाए गए विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम ने कंप्यूटर की दुनिया में क्रांति ला दी और माइक्रोसॉफ्ट को दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी बना दिया। बिल गेट्स की सफलता आसान नहीं थी। उन्हें कई कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी मेहनत और दूरदर्शिता ने उन्हें हर बार जीत दिलाई। वे हमेशा नए विचारों और नवाचारों के साथ आगे बढ़ते रहे। साथ ही, उन्होंने समाज सेवा को भी अपना लक्ष्य बनाया। उन्होंने अपनी पत्नी मेलिंडा के साथ मिलकर बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की स्थापना की, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और गरीबी उन्मूलन जैसे क्षेत्रों में काम करता है। यह फाउंडेशन दुनिया भर में जरूरतमंदों की मदद करता है। बिल गेट्स आज न केवल एक सफल व्यवसायी बल्कि एक महान परोपकारी के रूप में जाने जाते हैं। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि मेहनत, लगन और सही दिशा में काम करने से कोई भी बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। वे अपनी सफलता को दूसरों के जीवन सुधारने में लगाते हैं और इसी वजह से उन्हें विश्व में सम्मान मिलता है। उनका जीवन एक उदाहरण है कि कैसे तकनीक और परोपकार के माध्यम से दुनिया को बेहतर बनाया जा सकता है।

प्रश्न : बिल गेट्स की कंपनी ने कंप्यूटर उपयोग को आसान बनाने के लिए मुख्य रूप से क्या विकसित किया?

76. 
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए

महाभारत की गाथा में अनेक पात्रों का वर्णन है, परंतु एकलव्य जैसा निष्ठावान, त्यागी और प्रतिभाशाली पात्र दुर्लभ है। वह निषादराज हिरण्यधनु का पुत्र था और जंगलों में निवास करता था। एकलव्य का जन्म भले ही किसी कुलीन राजवंश में न हुआ हो, लेकिन उसके गुण, साहस और गुरु-भक्ति ने उसे अमर कर दिया। एकलव्य का सपना महान धनुर्धर बनने का था। उसने गुरुकुल में प्रवेश लेने के लिए द्रोणाचार्य के पास जाकर शिक्षा की याचना की, परंतु द्रोणाचार्य ने उसे शिक्षा देने से मना कर दिया क्योंकि वह एक वनवासी था और क्षत्रिय नहीं था। यह बात किसी भी सामान्य व्यक्ति को निराश कर देती, लेकिन एकलव्य अद्वितीय था। उसने एक मिट्टी की मूर्ति बनाई, जो द्रोणाचार्य की प्रतिमा थी, और उसे अपना गुरु मानकर स्वयं धनुर्विद्या का अभ्यास करने लगा। उसने कठिन परिश्रम, आत्मविश्वास और समर्पण से खुद को एक महान धनुर्धर बना लिया। यह उसकी आत्म-शिक्षा और गुरु के प्रति समर्पण का प्रतीक था। एक दिन जब अर्जुन और अन्य पांडव जंगल में शिकार कर रहे थे, उन्होंने एक कुत्ते को देखा जिसकी आवाज रुक गई थी लेकिन वह घायल नहीं था। यह देखकर वे आश्चर्यचकित हो गए। उन्हें जल्द ही ज्ञात हुआ कि यह एकलव्य का कार्य था। जब द्रोणाचार्य को यह पता चला कि एकलव्य ने उन्हें ही अपना गुरु मानकर इतना अभ्यास किया है, तो उन्हें यह चिंता हुई कि अर्जुन की श्रेष्ठता खतरे में पड़ सकती है। द्रोणाचार्य ने एकलव्य से गुरु-दक्षिणा माँगी। एकलव्य ने विनम्रता से पूछा कि वे क्या चाहते हैं। द्रोणाचार्य ने उसकी दाहिने हाथ का अंगूठा माँगा ताकि वह फिर कभी धनुर्विद्या में श्रेष्ठ न बन सके। यह माँग क्रूर और अन्यायपूर्ण थी, लेकिन एकलव्य ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपना अंगूठा काट कर द्रोणाचार्य को अर्पित कर दिया। एकलव्य का यह बलिदान उसकी गुरु-भक्ति और त्याग का अनुपम उदाहरण है। उसने न केवल अपने स्वप्न का त्याग किया, बल्कि यह दिखा दिया कि सच्चा शिष्य वही होता है जो अपने गुरु की इच्छा के सामने स्वयं को न्योछावर कर दे। एकलव्य की कहानी हमें कई मूल्य सिखाती है – स्व-अध्ययन की शक्ति, गुरु के प्रति समर्पण, सच्ची लगन और परिश्रम का महत्त्व और त्याग का आदर्श। उसने दिखाया कि प्रतिभा जन्म से नहीं, बल्कि प्रयास और दृढ़ निश्चय से प्राप्त होती है। आज एकलव्य को आदिवासी समाज का गौरव माना जाता है। उसकी मूर्तियाँ और स्मारक कई जगह स्थापित किए गए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में “एकलव्य मॉडल स्कूल” नामक संस्थान भी उसके नाम पर चलाए जा रहे हैं, जो यह सिद्ध करता है कि उसका त्याग और समर्पण आज भी प्रेरणास्रोत हैं।

प्रश्न: एकलव्य की कहानी से हमें मुख्यतः क्या शिक्षा मिलती है?

77. 
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए

महाभारत की गाथा में अनेक पात्रों का वर्णन है, परंतु एकलव्य जैसा निष्ठावान, त्यागी और प्रतिभाशाली पात्र दुर्लभ है। वह निषादराज हिरण्यधनु का पुत्र था और जंगलों में निवास करता था। एकलव्य का जन्म भले ही किसी कुलीन राजवंश में न हुआ हो, लेकिन उसके गुण, साहस और गुरु-भक्ति ने उसे अमर कर दिया। एकलव्य का सपना महान धनुर्धर बनने का था। उसने गुरुकुल में प्रवेश लेने के लिए द्रोणाचार्य के पास जाकर शिक्षा की याचना की, परंतु द्रोणाचार्य ने उसे शिक्षा देने से मना कर दिया क्योंकि वह एक वनवासी था और क्षत्रिय नहीं था। यह बात किसी भी सामान्य व्यक्ति को निराश कर देती, लेकिन एकलव्य अद्वितीय था। उसने एक मिट्टी की मूर्ति बनाई, जो द्रोणाचार्य की प्रतिमा थी, और उसे अपना गुरु मानकर स्वयं धनुर्विद्या का अभ्यास करने लगा। उसने कठिन परिश्रम, आत्मविश्वास और समर्पण से खुद को एक महान धनुर्धर बना लिया। यह उसकी आत्म-शिक्षा और गुरु के प्रति समर्पण का प्रतीक था। एक दिन जब अर्जुन और अन्य पांडव जंगल में शिकार कर रहे थे, उन्होंने एक कुत्ते को देखा जिसकी आवाज रुक गई थी लेकिन वह घायल नहीं था। यह देखकर वे आश्चर्यचकित हो गए। उन्हें जल्द ही ज्ञात हुआ कि यह एकलव्य का कार्य था। जब द्रोणाचार्य को यह पता चला कि एकलव्य ने उन्हें ही अपना गुरु मानकर इतना अभ्यास किया है, तो उन्हें यह चिंता हुई कि अर्जुन की श्रेष्ठता खतरे में पड़ सकती है। द्रोणाचार्य ने एकलव्य से गुरु-दक्षिणा माँगी। एकलव्य ने विनम्रता से पूछा कि वे क्या चाहते हैं। द्रोणाचार्य ने उसकी दाहिने हाथ का अंगूठा माँगा ताकि वह फिर कभी धनुर्विद्या में श्रेष्ठ न बन सके। यह माँग क्रूर और अन्यायपूर्ण थी, लेकिन एकलव्य ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपना अंगूठा काट कर द्रोणाचार्य को अर्पित कर दिया। एकलव्य का यह बलिदान उसकी गुरु-भक्ति और त्याग का अनुपम उदाहरण है। उसने न केवल अपने स्वप्न का त्याग किया, बल्कि यह दिखा दिया कि सच्चा शिष्य वही होता है जो अपने गुरु की इच्छा के सामने स्वयं को न्योछावर कर दे। एकलव्य की कहानी हमें कई मूल्य सिखाती है – स्व-अध्ययन की शक्ति, गुरु के प्रति समर्पण, सच्ची लगन और परिश्रम का महत्त्व और त्याग का आदर्श। उसने दिखाया कि प्रतिभा जन्म से नहीं, बल्कि प्रयास और दृढ़ निश्चय से प्राप्त होती है। आज एकलव्य को आदिवासी समाज का गौरव माना जाता है। उसकी मूर्तियाँ और स्मारक कई जगह स्थापित किए गए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में “एकलव्य मॉडल स्कूल” नामक संस्थान भी उसके नाम पर चलाए जा रहे हैं, जो यह सिद्ध करता है कि उसका त्याग और समर्पण आज भी प्रेरणास्रोत हैं।

प्रश्न: द्रोणाचार्य ने एकलव्य से कौन-सी गुरु-दक्षिणा माँगी?

78. 
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

महाभारत की गाथा में अनेक पात्रों का वर्णन है, परंतु एकलव्य जैसा निष्ठावान, त्यागी और प्रतिभाशाली पात्र दुर्लभ है। वह निषादराज हिरण्यधनु का पुत्र था और जंगलों में निवास करता था। एकलव्य का जन्म भले ही किसी कुलीन राजवंश में न हुआ हो, लेकिन उसके गुण, साहस और गुरु-भक्ति ने उसे अमर कर दिया। एकलव्य का सपना महान धनुर्धर बनने का था। उसने गुरुकुल में प्रवेश लेने के लिए द्रोणाचार्य के पास जाकर शिक्षा की याचना की, परंतु द्रोणाचार्य ने उसे शिक्षा देने से मना कर दिया क्योंकि वह एक वनवासी था और क्षत्रिय नहीं था। यह बात किसी भी सामान्य व्यक्ति को निराश कर देती, लेकिन एकलव्य अद्वितीय था। उसने एक मिट्टी की मूर्ति बनाई, जो द्रोणाचार्य की प्रतिमा थी, और उसे अपना गुरु मानकर स्वयं धनुर्विद्या का अभ्यास करने लगा। उसने कठिन परिश्रम, आत्मविश्वास और समर्पण से खुद को एक महान धनुर्धर बना लिया। यह उसकी आत्म-शिक्षा और गुरु के प्रति समर्पण का प्रतीक था। एक दिन जब अर्जुन और अन्य पांडव जंगल में शिकार कर रहे थे, उन्होंने एक कुत्ते को देखा जिसकी आवाज रुक गई थी लेकिन वह घायल नहीं था। यह देखकर वे आश्चर्यचकित हो गए। उन्हें जल्द ही ज्ञात हुआ कि यह एकलव्य का कार्य था। जब द्रोणाचार्य को यह पता चला कि एकलव्य ने उन्हें ही अपना गुरु मानकर इतना अभ्यास किया है, तो उन्हें यह चिंता हुई कि अर्जुन की श्रेष्ठता खतरे में पड़ सकती है। द्रोणाचार्य ने एकलव्य से गुरु-दक्षिणा माँगी। एकलव्य ने विनम्रता से पूछा कि वे क्या चाहते हैं। द्रोणाचार्य ने उसकी दाहिने हाथ का अंगूठा माँगा ताकि वह फिर कभी धनुर्विद्या में श्रेष्ठ न बन सके। यह माँग क्रूर और अन्यायपूर्ण थी, लेकिन एकलव्य ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपना अंगूठा काट कर द्रोणाचार्य को अर्पित कर दिया। एकलव्य का यह बलिदान उसकी गुरु-भक्ति और त्याग का अनुपम उदाहरण है। उसने न केवल अपने स्वप्न का त्याग किया, बल्कि यह दिखा दिया कि सच्चा शिष्य वही होता है जो अपने गुरु की इच्छा के सामने स्वयं को न्योछावर कर दे। एकलव्य की कहानी हमें कई मूल्य सिखाती है – स्व-अध्ययन की शक्ति, गुरु के प्रति समर्पण, सच्ची लगन और परिश्रम का महत्त्व और त्याग का आदर्श। उसने दिखाया कि प्रतिभा जन्म से नहीं, बल्कि प्रयास और दृढ़ निश्चय से प्राप्त होती है। आज एकलव्य को आदिवासी समाज का गौरव माना जाता है। उसकी मूर्तियाँ और स्मारक कई जगह स्थापित किए गए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में “एकलव्य मॉडल स्कूल” नामक संस्थान भी उसके नाम पर चलाए जा रहे हैं, जो यह सिद्ध करता है कि उसका त्याग और समर्पण आज भी प्रेरणास्रोत हैं।

प्रश्न:
एकलव्य ने किस वस्तु की मूर्ति बनाकर उसे अपना गुरु माना?

79. 
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

महाभारत की गाथा में अनेक पात्रों का वर्णन है, परंतु एकलव्य जैसा निष्ठावान, त्यागी और प्रतिभाशाली पात्र दुर्लभ है। वह निषादराज हिरण्यधनु का पुत्र था और जंगलों में निवास करता था। एकलव्य का जन्म भले ही किसी कुलीन राजवंश में न हुआ हो, लेकिन उसके गुण, साहस और गुरु-भक्ति ने उसे अमर कर दिया। एकलव्य का सपना महान धनुर्धर बनने का था। उसने गुरुकुल में प्रवेश लेने के लिए द्रोणाचार्य के पास जाकर शिक्षा की याचना की, परंतु द्रोणाचार्य ने उसे शिक्षा देने से मना कर दिया क्योंकि वह एक वनवासी था और क्षत्रिय नहीं था। यह बात किसी भी सामान्य व्यक्ति को निराश कर देती, लेकिन एकलव्य अद्वितीय था। उसने एक मिट्टी की मूर्ति बनाई, जो द्रोणाचार्य की प्रतिमा थी, और उसे अपना गुरु मानकर स्वयं धनुर्विद्या का अभ्यास करने लगा। उसने कठिन परिश्रम, आत्मविश्वास और समर्पण से खुद को एक महान धनुर्धर बना लिया। यह उसकी आत्म-शिक्षा और गुरु के प्रति समर्पण का प्रतीक था। एक दिन जब अर्जुन और अन्य पांडव जंगल में शिकार कर रहे थे, उन्होंने एक कुत्ते को देखा जिसकी आवाज रुक गई थी लेकिन वह घायल नहीं था। यह देखकर वे आश्चर्यचकित हो गए। उन्हें जल्द ही ज्ञात हुआ कि यह एकलव्य का कार्य था। जब द्रोणाचार्य को यह पता चला कि एकलव्य ने उन्हें ही अपना गुरु मानकर इतना अभ्यास किया है, तो उन्हें यह चिंता हुई कि अर्जुन की श्रेष्ठता खतरे में पड़ सकती है। द्रोणाचार्य ने एकलव्य से गुरु-दक्षिणा माँगी। एकलव्य ने विनम्रता से पूछा कि वे क्या चाहते हैं। द्रोणाचार्य ने उसकी दाहिने हाथ का अंगूठा माँगा ताकि वह फिर कभी धनुर्विद्या में श्रेष्ठ न बन सके। यह माँग क्रूर और अन्यायपूर्ण थी, लेकिन एकलव्य ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपना अंगूठा काट कर द्रोणाचार्य को अर्पित कर दिया। एकलव्य का यह बलिदान उसकी गुरु-भक्ति और त्याग का अनुपम उदाहरण है। उसने न केवल अपने स्वप्न का त्याग किया, बल्कि यह दिखा दिया कि सच्चा शिष्य वही होता है जो अपने गुरु की इच्छा के सामने स्वयं को न्योछावर कर दे। एकलव्य की कहानी हमें कई मूल्य सिखाती है – स्व-अध्ययन की शक्ति, गुरु के प्रति समर्पण, सच्ची लगन और परिश्रम का महत्त्व और त्याग का आदर्श। उसने दिखाया कि प्रतिभा जन्म से नहीं, बल्कि प्रयास और दृढ़ निश्चय से प्राप्त होती है। आज एकलव्य को आदिवासी समाज का गौरव माना जाता है। उसकी मूर्तियाँ और स्मारक कई जगह स्थापित किए गए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में “एकलव्य मॉडल स्कूल” नामक संस्थान भी उसके नाम पर चलाए जा रहे हैं, जो यह सिद्ध करता है कि उसका त्याग और समर्पण आज भी प्रेरणास्रोत हैं।

प्रश्न: एकलव्य ने किस आधार पर अपने आप धनुर्विद्या सीखी?

80. 
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए

महाभारत की गाथा में अनेक पात्रों का वर्णन है, परंतु एकलव्य जैसा निष्ठावान, त्यागी और प्रतिभाशाली पात्र दुर्लभ है। वह निषादराज हिरण्यधनु का पुत्र था और जंगलों में निवास करता था। एकलव्य का जन्म भले ही किसी कुलीन राजवंश में न हुआ हो, लेकिन उसके गुण, साहस और गुरु-भक्ति ने उसे अमर कर दिया। एकलव्य का सपना महान धनुर्धर बनने का था। उसने गुरुकुल में प्रवेश लेने के लिए द्रोणाचार्य के पास जाकर शिक्षा की याचना की, परंतु द्रोणाचार्य ने उसे शिक्षा देने से मना कर दिया क्योंकि वह एक वनवासी था और क्षत्रिय नहीं था। यह बात किसी भी सामान्य व्यक्ति को निराश कर देती, लेकिन एकलव्य अद्वितीय था। उसने एक मिट्टी की मूर्ति बनाई, जो द्रोणाचार्य की प्रतिमा थी, और उसे अपना गुरु मानकर स्वयं धनुर्विद्या का अभ्यास करने लगा। उसने कठिन परिश्रम, आत्मविश्वास और समर्पण से खुद को एक महान धनुर्धर बना लिया। यह उसकी आत्म-शिक्षा और गुरु के प्रति समर्पण का प्रतीक था। एक दिन जब अर्जुन और अन्य पांडव जंगल में शिकार कर रहे थे, उन्होंने एक कुत्ते को देखा जिसकी आवाज रुक गई थी लेकिन वह घायल नहीं था। यह देखकर वे आश्चर्यचकित हो गए। उन्हें जल्द ही ज्ञात हुआ कि यह एकलव्य का कार्य था। जब द्रोणाचार्य को यह पता चला कि एकलव्य ने उन्हें ही अपना गुरु मानकर इतना अभ्यास किया है, तो उन्हें यह चिंता हुई कि अर्जुन की श्रेष्ठता खतरे में पड़ सकती है। द्रोणाचार्य ने एकलव्य से गुरु-दक्षिणा माँगी। एकलव्य ने विनम्रता से पूछा कि वे क्या चाहते हैं। द्रोणाचार्य ने उसकी दाहिने हाथ का अंगूठा माँगा ताकि वह फिर कभी धनुर्विद्या में श्रेष्ठ न बन सके। यह माँग क्रूर और अन्यायपूर्ण थी, लेकिन एकलव्य ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपना अंगूठा काट कर द्रोणाचार्य को अर्पित कर दिया। एकलव्य का यह बलिदान उसकी गुरु-भक्ति और त्याग का अनुपम उदाहरण है। उसने न केवल अपने स्वप्न का त्याग किया, बल्कि यह दिखा दिया कि सच्चा शिष्य वही होता है जो अपने गुरु की इच्छा के सामने स्वयं को न्योछावर कर दे। एकलव्य की कहानी हमें कई मूल्य सिखाती है – स्व-अध्ययन की शक्ति, गुरु के प्रति समर्पण, सच्ची लगन और परिश्रम का महत्त्व और त्याग का आदर्श। उसने दिखाया कि प्रतिभा जन्म से नहीं, बल्कि प्रयास और दृढ़ निश्चय से प्राप्त होती है। आज एकलव्य को आदिवासी समाज का गौरव माना जाता है। उसकी मूर्तियाँ और स्मारक कई जगह स्थापित किए गए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में “एकलव्य मॉडल स्कूल” नामक संस्थान भी उसके नाम पर चलाए जा रहे हैं, जो यह सिद्ध करता है कि उसका त्याग और समर्पण आज भी प्रेरणास्रोत हैं।

प्रश्न:
एकलव्य को द्रोणाचार्य ने शिक्षा क्यों नहीं दी?

81. 
निम्नलिखित बार ग्राफ का अध्ययन करें और प्रश्नों के उत्तर दें।


प्रश्न : कितने वर्षों में उर्वरकों का उत्पादन दिए गए वर्षों के औसत उत्पादन से अधिक था?

82. 
निम्नलिखित बार ग्राफ का अध्ययन करें और प्रश्नों के उत्तर दें।


प्रश्न : 2016 और 2017 का औसत उत्पादन पिछले वर्ष के औसत उत्पादन के बराबर है।

83. 
निम्नलिखित बार ग्राफ का अध्ययन करें और प्रश्नों के उत्तर दें।


प्रश्न: 2015 की तुलना में 2022 में उर्वरकों के उत्पादन में प्रतिशत वृद्धि है ?

84. 
निम्नलिखित बार ग्राफ का अध्ययन करें और प्रश्नों के उत्तर दें।


प्रश्न : पिछले वर्ष की तुलना में उत्पादन में प्रतिशत वृद्धि इस वर्ष अधिकतम है ?

85. 
निम्नलिखित बार ग्राफ का अध्ययन करें और प्रश्नों के उत्तर दें।


प्रश्न :
2017 से 2018 तक उर्वरक उत्पादन में प्रतिशत गिरावट है ?

86. 
निम्नलिखित बार चार्ट एक कंपनी XYZ की बिक्री (करोड़ रुपये में) दर्शाता है। चार्ट का अध्ययन करें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।



प्रश्न : दूसरे और तीसरे वर्ष में कुल बिक्री मिलकर है ?

87. 
निम्नलिखित बार चार्ट एक कंपनी XYZ की बिक्री (करोड़ रुपये में) दर्शाता है। चार्ट का अध्ययन करें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।


प्रश्न : इस वर्ष दूसरी सबसे अधिक बिक्री हुई है।

88. 
निम्नलिखित बार चार्ट एक कंपनी XYZ की बिक्री (करोड़ रुपये में) दर्शाता है। चार्ट का अध्ययन करें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।


प्रश्न : इस वर्ष दूसरी सबसे कम बिक्री हुई है ?

89. 
निम्नलिखित बार चार्ट एक कंपनी XYZ की बिक्री (करोड़ रुपये में) दर्शाता है। चार्ट का अध्ययन करें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।


प्रश्न: उच्चतम और न्यूनतम बिक्री का औसत (करोड़ रुपये में) है?

90. 
निम्नलिखित बार चार्ट एक कंपनी XYZ की बिक्री (करोड़ रुपये में) दर्शाता है। चार्ट का अध्ययन करें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।


प्रश्न : वर्ष 4 में बिक्री वर्ष 8 में बिक्री से कम है ?

91. 
निम्नलिखित तालिका का अध्ययन करें और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें।

                पांच स्कूलो की वार्षिक आय


प्रश्न : स्कूल E के लिए विविध से आय दान से आय का कितना प्रतिशत है?

92. 
निम्नलिखित तालिका का अध्ययन करें और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें।

             पांच स्कूलो की वार्षिक आय


प्रश्न:  किस स्कूल की कुल आय में ट्यूशन फीस से आय का प्रतिशत सबसे अधिक है?

93. 
निम्नलिखित तालिका का अध्ययन करें और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें।

               पांच स्कूलो की वार्षिक आय

प्रश्न : कितने स्कूलो के मामले में शिक्षण शुल्क से प्राप्त आय, सत्र शुल्क से चार गुना से कम है?

94. 
निम्नलिखित तालिका का अध्ययन करें और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें।

              पांच स्कूलो की वार्षिक आय

प्रश्न: किस स्कूल की अनुदान और ट्यूशन फीस के रूप में आय का अनुपात सबसे कम है?

95. 
निम्नलिखित तालिका का अध्ययन करें और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें।

            पांच स्कूलो की वार्षिक आय

प्रश्न:   किस स्कूल को ट्यूशन शुल्क + अनुदान से कुल आय का 70% से अधिक प्राप्त हुआ?

96. 
निम्न तालिका 1999–2000 से 2003–2004 की अवधि के लिए एक राज्य में खाद्यान्न उत्पादन (मिलियन टन में) दर्शाती है। तालिका को पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें।

               उत्पादन (मिलियन टन में)

प्रश्न : 2002-2003 में जौ के उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में कितने प्रतिशत वृद्धि हुई?

97. 
निम्न तालिका 1999–2000 से 2003–2004 की अवधि के लिए एक राज्य में खाद्यान्न उत्पादन (मिलियन टन में) दर्शाती है। तालिका को पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें।

                 उत्पादन (मिलियन टन में)

प्रश्न : 1999-2000 से 2003-2004 की अवधि के दौरान, कुल उत्पादन का x प्रतिशत गेहूँ का उत्पादन है। x का मान लगभग है

98. 
निम्न तालिका 1999–2000 से 2003–2004 की अवधि के लिए एक राज्य में खाद्यान्न उत्पादन (मिलियन टन में) दर्शाती है। तालिका को पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें।

  उत्पादन (मिलियन टन में)

प्रश्न :वर्ष 2003-2004 में उत्पादन में वृद्धि पिछले वर्ष की तुलना में अधिकतम थी।

99. 
निम्न तालिका 1999–2000 से 2003–2004 की अवधि के लिए एक राज्य में खाद्यान्न उत्पादन (मिलियन टन में) दर्शाती है। तालिका को पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें।

              उत्पादन (मिलियन टन में)

प्रश्न :
विभिन्न वर्षों में चावल के औसत उत्पादन और जौ के औसत उत्पादन के बीच का अंतर कितना है? (मिलियन टन में)

100. 
निम्न तालिका 1999–2000 से 2003–2004 की अवधि के लिए एक राज्य में खाद्यान्न उत्पादन (मिलियन टन में) दर्शाती है। तालिका को पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें।

               उत्पादन (मिलियन टन में)

प्रश्न : किस वर्ष में कुल अनाज उत्पादन (गेहूँ + चावल + जौ + अन्य अनाज) सबसे अधिक था?

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