1.
राखल दास बनर्जी ने निम्ननलिखित मे से किस सिंधु घाटी स्थल की खोज की थी?
2.
आर्य, आर्य-पुर्वों के साथ अपने संघर्षों में सफल रहे, क्योंकि-
3.
अशोक के अधीन मौर्य राजतंत्र का सबसे सही वर्णन निम्नलिखित में से कौन-सा होगा ?
4.
कुषाण काल में भारतीय और ग्रीक शैली के मिश्रण से विकसित कला विद्यालय को किस नाम से जाना जाता है ?
5.
स्थायी बंदोबस्त व्यवस्था किसके द्वारा शुरू की गई थी?
6.
विशिष्ट रुप से स्वराज की मांग के साथ असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव पारित करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विशेष अधिवेशन कब आयोजित किया गया था?
7.
निम्नलिखित में से किसने, 1857 के विद्रोह के कारणों का विश्लेषण करते हुए, अंग्रेजों तथा मुसलमानों के बीच मेल-मिलाप की वकालत की ?
8.
सी. आर. दास और मोतीलाल नेहरु ने ‘स्वराज पार्टी’ बनाई थी-
9.
1967 में, पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के नक्सलबाड़ी में शुरू हुए आंदोलन का नाम क्या था?
10.
बाल गंगाधर तिलक को वैलेंटाइन चिरोल द्वारा – के रुप में वर्णित किया गया था।
11.
लक्षद्वीप में कितने द्वीप हैं?
12.
ज्वालामुखी से निकलकर पृथ्वी की सतह पर फैलने वाले मैग्मा को क्या कहते हैं?
13.
इंदिरा पॉइंट सबसे दक्षिणी छोर है:
14.
प्रायद्वीपीय भारत की सबसे ऊँची पर्वत चोटी है:
15.
भारत में उस स्थान की पहचान करें जहाँ से उष्णकटिबंधीय चक्रवात उत्पन्न होते हैं।
16.
वर्ष 2015 में योजना आयोग के स्थान पर ____ का गठन किया गया था।
17.
भारत में हरित क्रांति की शुरुआत 1960 के दशक में ________ की उच्च उपज देने वाली किस्मों को शुरू करके की गई थी।
18.
भारतीय स्टेट बैंक को पहले इस नाम से जाना जाता था:
19.
कौन सा बैंक कृषि एवं ग्रामीण वित्त की आवश्यकताओं तक सीमित है?
20.
भारत सरकार की कौन सी योजना भारतीय शहरों को मलिन बस्तियों से मुक्त बनाती है?
21.
निम्नलिखित में से कौन सा सरकार की संसदीय प्रणाली का अपरिहार्य गुण है?
22.
भारतीय संविधान का संरक्षक कौन है?
23.
भारतीय संविधान के निम्नलिखित में से कौन – से अनुच्छेद, मौलिक अधिकारों का प्रवाधान करते हैं?
24.
निम्नलिखित में से किस न्यायाधीश ने कहा कि ‘धर्मनिरपेक्षता’ और ‘संघवाद’ भारतीय संविधान की मूल विशेषताएं हैं?
25.
किसके शासनकाल के दौरान संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकारों की सूची से हटा दिया गया था:
26.
निम्नलिखित में से किसे सामान्यत: ब्लड थिनर के नाम से जाना जाता हैं ?
27.
किस विटामिन की कमी से गर्दन की ग्रन्थियाँ सूजी हुई दिखाई देती हैं ?
28.
किस लौह अयस्क में सर्वाधिक लोहा मिलता है?
29.
किस तत्व की सापेक्ष आणविक द्रव्यमान सबसे अधिक होता है?
30.
दूरबीन का आविष्कार किया था?
31.
\(\sqrt{121} +\sqrt{0.0324} \:- \sqrt{9}\)
32.
0.625 का सरलतम भिन्न रूप ज्ञात कीजिए।
33.
दो संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य (LCM) 315 है। यदि संख्याएँ 7 : 9 के अनुपात में हैं, तो संख्याओं का योगफल ___________ हैं।
34.
पाँच संख्याओं का योग 655 है। पहली दो संख्याओं का औसत 75 है और तीसरी संख्या 108 है। शेष दो संख्याओं का औसत ज्ञात कीजिए?
35.
\(80^{-2} \div 80^{15} \times 80^{-10}\) का मान ज्ञात कीजिए।
36.
स्वार्थी की संधि क्या होगी ?
37.
'नेत्री' शब्द का पुंल्लिंग रुप हैं –
38.
'गरुड़' का पर्यायवाची शब्द हैं –
39.
स्थावर का विलोम शब्द है-
40.
जिस पर अभियोग लगाया गया हो
41.
Select the option that expresses the given sentence in active voice A comic play was performed by the comedian.
42.
Select the most appropriate ANTONYM of the given word.
43.
The following sentence has been split into four segments. Identify the segment that contains a grammatical error.
My dog / barks / very louder / at night.
44.
Read the following paragraph and answer the following questions :
Rabindranath Tagore was a great Indian poet, writer, and philosopher. He was born on May 7, 1861, in Kolkata. He began writing poems at an early age. His famous book “Gitanjali” won him the Nobel Prize in Literature in 1913, making him the first Asian to receive this honor. Tagore also wrote India’s national anthem “Jana Gana Mana” and Bangladesh’s national anthem “Amar Shonar Bangla”. This makes him unique in the world. He believed in simple and joyful education. So, he founded Visva-Bharati University in Santiniketan to promote learning with nature. He also supported freedom, peace, and unity during British rule.
Q. Tagore received the Nobel Prize for which book?
45.
Read the following paragraph and answer the following questions :
Rabindranath Tagore was a great Indian poet, writer, and philosopher. He was born on May 7, 1861, in Kolkata. He began writing poems at an early age. His famous book “Gitanjali” won him the Nobel Prize in Literature in 1913, making him the first Asian to receive this honor. Tagore also wrote India’s national anthem “Jana Gana Mana” and Bangladesh’s national anthem “Amar Shonar Bangla”. This makes him unique in the world. He believed in simple and joyful education. So, he founded Visva-Bharati University in Santiniketan to promote learning with nature. He also supported freedom, peace, and unity during British rule.
Q. Where did Tagore establish Visva-Bharati University?
46.
एक निश्चित कूट भाषा में, CREATE' को '856629' के रूप में कूटबद्ध किया जाता है और 'ITEMS' को '96713' के रूप में कूटबद्ध किया जाता है। दी गई कूट भाषा में 'T' के लिए कूट क्या होगा?
47.
अंग्रेजी वर्णमाला क्रम के आधार पर दी गई श्रृंखला में '?' के स्थान पर क्या आना चाहिए?
48.
सात मित्र C, D, E P, Q, R और S,उत्तर की ओर अभीमुख होकर एक सीधी पंक्ति में बैठे हैं। R के बाएं केवल दो व्यक्ति बैठे हैं। D और R के बीच केवल तीन व्यक्ति बैठे हैं। R और S के बीच केवल दो व्यक्ति बैठे हैं। E, P के बाएं तीसरे स्थान पर बैठा है। C, P के ठीक दाएं पड़ोस में बैठा है। Q और S के बीच कितने व्यक्ति बैठे हैं?
49.
बस डिपो से प्रति 30 मिनट में मेरठ के लिए बस छूटती है | पूछताछ लिपिक ने यात्री से कहा कि मेरठ के लिए बस 10 मिनट पहले छूट चुकी है तथा अगली बस सुबह 10:30 पर निकलेगी | जब पूछताछ लिपिक ने कहा उस समय क्या समय हो रहा था ?
50.
A, B का भाई है, C, A की माँ है, D, C का पिता है, F, A का पुत्र है I यह बताईये कि F का D से क्या सम्बन्ध है ?
51.
संयुक्त राष्ट्र की मध्य-वर्षीय विश्व आर्थिक स्थिति और संभावना (WESP) रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में चीन, अमेरिका और यूरोपीय संघ की तुलना में किस अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने की उम्मीद है?
52.
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस प्रतिवर्ष कब मनाया जाता है?
53.
मई 2025 में हुए एक समझौते में ब्रिटेन ने मॉरीशस को कौन से द्वीप लौटाए?
54.
एशियाई खेल 2026 कहाँ आयोजित किए जाएँगे?
55.
सरकार ने हेमकुंड साहिब तक रोपवे परियोजना को मंजूरी दी है। यह स्थान किस सिख गुरु को समर्पित है?
56.
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में कौन सा राज्य ओवरऑल चैंपियन बनकर उभरा?
57.
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (28 फरवरी) पर मनाई जाने वाली खोज के लिए भौतिकी में नोबेल पुरस्कार किसे दिया गया था?
58.
ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2025 किस क्रिकेट टीम ने जीती?
59.
सरकार ने मई 2025 में तुर्की की ग्राउंड हैंडलिंग फर्म सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सुरक्षा मंजूरी क्यों रद्द कर दी?
60.
मई 2025 में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के नए अध्यक्ष के रूप में किसे नियुक्त किया गया है?
61.
निम्नलिखित में से कौन सा एक प्रसिद्ध असमिया त्योहार है?
62.
अन्तर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) का मुख्यालय कहाँ स्थित है ?
63.
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन दिवस कब मनाया जाता है?
64.
विख्यात भारत माता का मंदिर स्थित है?
65.
राष्ट्र की सेवा में असाधारण साहस और बलिदान के लिए रक्षा कर्मियों को दिए जाने वाले वीरता पुरस्कारों में से कौन सा है?
66.
भारत की सबसे छोटी सीमा किस देश के साथ लगती है?
67.
आमतौर पर किस भारतीय राज्य में मानसून की पहली बारिश होती है?
68.
डॉ. अंबेडकर ने भारतीय इतिहास में क्या प्रमुख भूमिका निभाई?
69.
भारतीय संविधान का निम्न में से कौन सा अनुच्छेद एक जी. एस. टी. (GST) परिषद की स्थापना से संबंधित है ?
70.
पहली केंद्रीय विधान सभा का गठन कब किया गया था?
71.
निम्नलिखित गद्दाांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
स्पीति घाटी भारत के उत्तर में, हिमाचल प्रदेश राज्य के लाहौल और स्पीति जिले में स्थित एक अत्यंत सुंदर, शांत और ठंडी जगह है। यह स्थान समुद्र तल से लगभग 12,500 फीट की ऊँचाई पर बसा है। स्पीति का शाब्दिक अर्थ है – “मध्य भूमि”, क्योंकि यह भारत और तिब्बत के बीच स्थित है। यह क्षेत्र अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, बर्फ से ढके पहाड़ों, नदियों और बौद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।स्पीति घाटी की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यहाँ वर्षा बहुत कम होती है। यह एक शुष्क क्षेत्र है, जिसे “रेन शैडो ज़ोन” भी कहा जाता है। मानसून के मौसम में भी जब भारत के अन्य भागों में भारी वर्षा होती है, तब भी स्पीति में आसमान साफ़ रहता है और बारिश की एक बूँद भी नहीं गिरती। यहाँ की औसत वार्षिक वर्षा मात्र 170 मिमी के आसपास होती है, जो भारत के अधिकांश भागों से कहीं कम है।लेकिन जब कभी स्पीति में बारिश होती है, तो वह एक अनोखा अनुभव बन जाता है। स्थानीय लोग इसे ईश्वर का आशीर्वाद मानते हैं। बारिश की बूँदें जब सूखी ज़मीन पर गिरती हैं, तो मिट्टी से एक भीनी-भीनी खुशबू उठती है जो मन को बहुत भाती है। पहाड़ों से पानी बहने लगता है, नदियाँ झूमने लगती हैं और पूरा वातावरण एक नई ताजगी से भर जाता है। बर्फ से ढकी चट्टानों पर पानी की बूँदें गिरने लगती हैं, जिससे वहाँ एक प्राकृतिक संगीत जैसा वातावरण बन जाता है। स्पीति में बारिश का विशेष महत्व कृषि के क्षेत्र में भी होता है। यहाँ खेती करना आसान नहीं होता, क्योंकि मिट्टी कम उपजाऊ है और पानी की भारी कमी होती है। ऐसे में जब वर्षा होती है, तो किसान बहुत खुश होते हैं। वे जल्दी से अपने खेतों को जोतते हैं और बीज बोते हैं। वर्षा के पानी से मिट्टी थोड़ी नरम हो जाती है, जिससे फसल के अंकुरण में सहायता मिलती है। हालाँकि यहाँ सिंचाई के लिए नदियों और ग्लेशियरों से आने वाले जल का उपयोग किया जाता है, लेकिन प्राकृतिक वर्षा की तुलना नहीं की जा सकती।बारिश के समय स्पीति की सुंदरता और बढ़ जाती है। बादलों की छाया पहाड़ों पर गिरती है, जिससे वे और भी रहस्यमय और सुंदर लगते हैं। पर्यटक इस दृश्य को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। कई फोटोग्राफर स्पीति की बारिश के दृश्य को कैमरे में कैद करने आते हैं। यहाँ के मठ, जैसे की की मठ, धंकर मठ और टाबो मठ, बारिश में और भी शांत और दिव्य लगते हैं। हालांकि बारिश कभी-कभी मुश्किलें भी लेकर आती है। क्योंकि क्षेत्र की मिट्टी ढीली होती है, ऐसे में वर्षा के कारण भूस्खलन (landslide) की संभावना बढ़ जाती है। इससे सड़कों के बंद होने, यातायात में बाधा और पर्यटकों को परेशानी होने की संभावना होती है। लेकिन स्थानीय प्रशासन और लोग इन परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहते हैं। स्पीति में बारिश केवल एक मौसमी घटना नहीं है, यह वहाँ के जीवन का एक विशेष हिस्सा है। यहाँ की सूखी धरती जब पानी की बूँदों से मिलती है, तो वह धरती मुस्कराने लगती है। लोगों के चेहरे पर भी एक अलग सी चमक आ जाती है। यह बारिश केवल मिट्टी को नहीं भिगोती, बल्कि यहाँ के लोगों के दिलों को भी ताजगी से भर देती है। इस प्रकार, स्पीति में बारिश भले ही बहुत कम होती हो, लेकिन उसका प्रभाव गहरा होता है – प्रकृति पर भी और इंसान पर भी। यह जीवन में संतुलन का एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करती है – जहाँ थोड़े में भी संतोष और आनंद लिया जा सकता है।
प्रश्न : स्पीति घाटी में औसत वार्षिक वर्षा लगभग कितनी होती है, और यह भारत के अन्य भागों से किस प्रकार भिन्न है?
72.
निम्नलिखित गद्दाांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
स्पीति घाटी भारत के उत्तर में, हिमाचल प्रदेश राज्य के लाहौल और स्पीति जिले में स्थित एक अत्यंत सुंदर, शांत और ठंडी जगह है। यह स्थान समुद्र तल से लगभग 12,500 फीट की ऊँचाई पर बसा है। स्पीति का शाब्दिक अर्थ है – “मध्य भूमि”, क्योंकि यह भारत और तिब्बत के बीच स्थित है। यह क्षेत्र अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, बर्फ से ढके पहाड़ों, नदियों और बौद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।स्पीति घाटी की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यहाँ वर्षा बहुत कम होती है। यह एक शुष्क क्षेत्र है, जिसे “रेन शैडो ज़ोन” भी कहा जाता है। मानसून के मौसम में भी जब भारत के अन्य भागों में भारी वर्षा होती है, तब भी स्पीति में आसमान साफ़ रहता है और बारिश की एक बूँद भी नहीं गिरती। यहाँ की औसत वार्षिक वर्षा मात्र 170 मिमी के आसपास होती है, जो भारत के अधिकांश भागों से कहीं कम है।लेकिन जब कभी स्पीति में बारिश होती है, तो वह एक अनोखा अनुभव बन जाता है। स्थानीय लोग इसे ईश्वर का आशीर्वाद मानते हैं। बारिश की बूँदें जब सूखी ज़मीन पर गिरती हैं, तो मिट्टी से एक भीनी-भीनी खुशबू उठती है जो मन को बहुत भाती है। पहाड़ों से पानी बहने लगता है, नदियाँ झूमने लगती हैं और पूरा वातावरण एक नई ताजगी से भर जाता है। बर्फ से ढकी चट्टानों पर पानी की बूँदें गिरने लगती हैं, जिससे वहाँ एक प्राकृतिक संगीत जैसा वातावरण बन जाता है। स्पीति में बारिश का विशेष महत्व कृषि के क्षेत्र में भी होता है। यहाँ खेती करना आसान नहीं होता, क्योंकि मिट्टी कम उपजाऊ है और पानी की भारी कमी होती है। ऐसे में जब वर्षा होती है, तो किसान बहुत खुश होते हैं। वे जल्दी से अपने खेतों को जोतते हैं और बीज बोते हैं। वर्षा के पानी से मिट्टी थोड़ी नरम हो जाती है, जिससे फसल के अंकुरण में सहायता मिलती है। हालाँकि यहाँ सिंचाई के लिए नदियों और ग्लेशियरों से आने वाले जल का उपयोग किया जाता है, लेकिन प्राकृतिक वर्षा की तुलना नहीं की जा सकती।बारिश के समय स्पीति की सुंदरता और बढ़ जाती है। बादलों की छाया पहाड़ों पर गिरती है, जिससे वे और भी रहस्यमय और सुंदर लगते हैं। पर्यटक इस दृश्य को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। कई फोटोग्राफर स्पीति की बारिश के दृश्य को कैमरे में कैद करने आते हैं। यहाँ के मठ, जैसे की की मठ, धंकर मठ और टाबो मठ, बारिश में और भी शांत और दिव्य लगते हैं। हालांकि बारिश कभी-कभी मुश्किलें भी लेकर आती है। क्योंकि क्षेत्र की मिट्टी ढीली होती है, ऐसे में वर्षा के कारण भूस्खलन (landslide) की संभावना बढ़ जाती है। इससे सड़कों के बंद होने, यातायात में बाधा और पर्यटकों को परेशानी होने की संभावना होती है। लेकिन स्थानीय प्रशासन और लोग इन परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहते हैं। स्पीति में बारिश केवल एक मौसमी घटना नहीं है, यह वहाँ के जीवन का एक विशेष हिस्सा है। यहाँ की सूखी धरती जब पानी की बूँदों से मिलती है, तो वह धरती मुस्कराने लगती है। लोगों के चेहरे पर भी एक अलग सी चमक आ जाती है। यह बारिश केवल मिट्टी को नहीं भिगोती, बल्कि यहाँ के लोगों के दिलों को भी ताजगी से भर देती है। इस प्रकार, स्पीति में बारिश भले ही बहुत कम होती हो, लेकिन उसका प्रभाव गहरा होता है – प्रकृति पर भी और इंसान पर भी। यह जीवन में संतुलन का एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करती है – जहाँ थोड़े में भी संतोष और आनंद लिया जा सकता है।
प्रश्न : स्पीति घाटी में प्राकृतिक वर्षा की तुलना सिंचाई के अन्य स्रोतों से क्यों नहीं की जा सकती?
73.
निम्नलिखित गद्दाांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
स्पीति घाटी भारत के उत्तर में, हिमाचल प्रदेश राज्य के लाहौल और स्पीति जिले में स्थित एक अत्यंत सुंदर, शांत और ठंडी जगह है। यह स्थान समुद्र तल से लगभग 12,500 फीट की ऊँचाई पर बसा है। स्पीति का शाब्दिक अर्थ है – “मध्य भूमि”, क्योंकि यह भारत और तिब्बत के बीच स्थित है। यह क्षेत्र अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, बर्फ से ढके पहाड़ों, नदियों और बौद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।स्पीति घाटी की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यहाँ वर्षा बहुत कम होती है। यह एक शुष्क क्षेत्र है, जिसे “रेन शैडो ज़ोन” भी कहा जाता है। मानसून के मौसम में भी जब भारत के अन्य भागों में भारी वर्षा होती है, तब भी स्पीति में आसमान साफ़ रहता है और बारिश की एक बूँद भी नहीं गिरती। यहाँ की औसत वार्षिक वर्षा मात्र 170 मिमी के आसपास होती है, जो भारत के अधिकांश भागों से कहीं कम है।लेकिन जब कभी स्पीति में बारिश होती है, तो वह एक अनोखा अनुभव बन जाता है। स्थानीय लोग इसे ईश्वर का आशीर्वाद मानते हैं। बारिश की बूँदें जब सूखी ज़मीन पर गिरती हैं, तो मिट्टी से एक भीनी-भीनी खुशबू उठती है जो मन को बहुत भाती है। पहाड़ों से पानी बहने लगता है, नदियाँ झूमने लगती हैं और पूरा वातावरण एक नई ताजगी से भर जाता है। बर्फ से ढकी चट्टानों पर पानी की बूँदें गिरने लगती हैं, जिससे वहाँ एक प्राकृतिक संगीत जैसा वातावरण बन जाता है। स्पीति में बारिश का विशेष महत्व कृषि के क्षेत्र में भी होता है। यहाँ खेती करना आसान नहीं होता, क्योंकि मिट्टी कम उपजाऊ है और पानी की भारी कमी होती है। ऐसे में जब वर्षा होती है, तो किसान बहुत खुश होते हैं। वे जल्दी से अपने खेतों को जोतते हैं और बीज बोते हैं। वर्षा के पानी से मिट्टी थोड़ी नरम हो जाती है, जिससे फसल के अंकुरण में सहायता मिलती है। हालाँकि यहाँ सिंचाई के लिए नदियों और ग्लेशियरों से आने वाले जल का उपयोग किया जाता है, लेकिन प्राकृतिक वर्षा की तुलना नहीं की जा सकती।बारिश के समय स्पीति की सुंदरता और बढ़ जाती है। बादलों की छाया पहाड़ों पर गिरती है, जिससे वे और भी रहस्यमय और सुंदर लगते हैं। पर्यटक इस दृश्य को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। कई फोटोग्राफर स्पीति की बारिश के दृश्य को कैमरे में कैद करने आते हैं। यहाँ के मठ, जैसे की की मठ, धंकर मठ और टाबो मठ, बारिश में और भी शांत और दिव्य लगते हैं। हालांकि बारिश कभी-कभी मुश्किलें भी लेकर आती है। क्योंकि क्षेत्र की मिट्टी ढीली होती है, ऐसे में वर्षा के कारण भूस्खलन (landslide) की संभावना बढ़ जाती है। इससे सड़कों के बंद होने, यातायात में बाधा और पर्यटकों को परेशानी होने की संभावना होती है। लेकिन स्थानीय प्रशासन और लोग इन परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहते हैं। स्पीति में बारिश केवल एक मौसमी घटना नहीं है, यह वहाँ के जीवन का एक विशेष हिस्सा है। यहाँ की सूखी धरती जब पानी की बूँदों से मिलती है, तो वह धरती मुस्कराने लगती है। लोगों के चेहरे पर भी एक अलग सी चमक आ जाती है। यह बारिश केवल मिट्टी को नहीं भिगोती, बल्कि यहाँ के लोगों के दिलों को भी ताजगी से भर देती है। इस प्रकार, स्पीति में बारिश भले ही बहुत कम होती हो, लेकिन उसका प्रभाव गहरा होता है – प्रकृति पर भी और इंसान पर भी। यह जीवन में संतुलन का एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करती है – जहाँ थोड़े में भी संतोष और आनंद लिया जा सकता है।
प्रश्न : स्पीति घाटी में बारिश के दौरान कौन-सी प्राकृतिक ध्वनियाँ सुनाई देती हैं जो एक “प्राकृतिक संगीत” जैसा अनुभव कराती हैं?
74.
निम्नलिखित गद्दाांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
स्पीति घाटी भारत के उत्तर में, हिमाचल प्रदेश राज्य के लाहौल और स्पीति जिले में स्थित एक अत्यंत सुंदर, शांत और ठंडी जगह है। यह स्थान समुद्र तल से लगभग 12,500 फीट की ऊँचाई पर बसा है। स्पीति का शाब्दिक अर्थ है – “मध्य भूमि”, क्योंकि यह भारत और तिब्बत के बीच स्थित है। यह क्षेत्र अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, बर्फ से ढके पहाड़ों, नदियों और बौद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।स्पीति घाटी की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यहाँ वर्षा बहुत कम होती है। यह एक शुष्क क्षेत्र है, जिसे “रेन शैडो ज़ोन” भी कहा जाता है। मानसून के मौसम में भी जब भारत के अन्य भागों में भारी वर्षा होती है, तब भी स्पीति में आसमान साफ़ रहता है और बारिश की एक बूँद भी नहीं गिरती। यहाँ की औसत वार्षिक वर्षा मात्र 170 मिमी के आसपास होती है, जो भारत के अधिकांश भागों से कहीं कम है।लेकिन जब कभी स्पीति में बारिश होती है, तो वह एक अनोखा अनुभव बन जाता है। स्थानीय लोग इसे ईश्वर का आशीर्वाद मानते हैं। बारिश की बूँदें जब सूखी ज़मीन पर गिरती हैं, तो मिट्टी से एक भीनी-भीनी खुशबू उठती है जो मन को बहुत भाती है। पहाड़ों से पानी बहने लगता है, नदियाँ झूमने लगती हैं और पूरा वातावरण एक नई ताजगी से भर जाता है। बर्फ से ढकी चट्टानों पर पानी की बूँदें गिरने लगती हैं, जिससे वहाँ एक प्राकृतिक संगीत जैसा वातावरण बन जाता है। स्पीति में बारिश का विशेष महत्व कृषि के क्षेत्र में भी होता है। यहाँ खेती करना आसान नहीं होता, क्योंकि मिट्टी कम उपजाऊ है और पानी की भारी कमी होती है। ऐसे में जब वर्षा होती है, तो किसान बहुत खुश होते हैं। वे जल्दी से अपने खेतों को जोतते हैं और बीज बोते हैं। वर्षा के पानी से मिट्टी थोड़ी नरम हो जाती है, जिससे फसल के अंकुरण में सहायता मिलती है। हालाँकि यहाँ सिंचाई के लिए नदियों और ग्लेशियरों से आने वाले जल का उपयोग किया जाता है, लेकिन प्राकृतिक वर्षा की तुलना नहीं की जा सकती।बारिश के समय स्पीति की सुंदरता और बढ़ जाती है। बादलों की छाया पहाड़ों पर गिरती है, जिससे वे और भी रहस्यमय और सुंदर लगते हैं। पर्यटक इस दृश्य को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। कई फोटोग्राफर स्पीति की बारिश के दृश्य को कैमरे में कैद करने आते हैं। यहाँ के मठ, जैसे की की मठ, धंकर मठ और टाबो मठ, बारिश में और भी शांत और दिव्य लगते हैं। हालांकि बारिश कभी-कभी मुश्किलें भी लेकर आती है। क्योंकि क्षेत्र की मिट्टी ढीली होती है, ऐसे में वर्षा के कारण भूस्खलन (landslide) की संभावना बढ़ जाती है। इससे सड़कों के बंद होने, यातायात में बाधा और पर्यटकों को परेशानी होने की संभावना होती है। लेकिन स्थानीय प्रशासन और लोग इन परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहते हैं। स्पीति में बारिश केवल एक मौसमी घटना नहीं है, यह वहाँ के जीवन का एक विशेष हिस्सा है। यहाँ की सूखी धरती जब पानी की बूँदों से मिलती है, तो वह धरती मुस्कराने लगती है। लोगों के चेहरे पर भी एक अलग सी चमक आ जाती है। यह बारिश केवल मिट्टी को नहीं भिगोती, बल्कि यहाँ के लोगों के दिलों को भी ताजगी से भर देती है। इस प्रकार, स्पीति में बारिश भले ही बहुत कम होती हो, लेकिन उसका प्रभाव गहरा होता है – प्रकृति पर भी और इंसान पर भी। यह जीवन में संतुलन का एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करती है – जहाँ थोड़े में भी संतोष और आनंद लिया जा सकता है।
प्रश्न : बारिश के समय स्पीति घाटी में पर्यटन को लेकर क्या विशेष आकर्षण होता है?
75.
निम्नलिखित गद्दाांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
स्पीति घाटी भारत के उत्तर में, हिमाचल प्रदेश राज्य के लाहौल और स्पीति जिले में स्थित एक अत्यंत सुंदर, शांत और ठंडी जगह है। यह स्थान समुद्र तल से लगभग 12,500 फीट की ऊँचाई पर बसा है। स्पीति का शाब्दिक अर्थ है – “मध्य भूमि”, क्योंकि यह भारत और तिब्बत के बीच स्थित है। यह क्षेत्र अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, बर्फ से ढके पहाड़ों, नदियों और बौद्ध संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।स्पीति घाटी की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यहाँ वर्षा बहुत कम होती है। यह एक शुष्क क्षेत्र है, जिसे “रेन शैडो ज़ोन” भी कहा जाता है। मानसून के मौसम में भी जब भारत के अन्य भागों में भारी वर्षा होती है, तब भी स्पीति में आसमान साफ़ रहता है और बारिश की एक बूँद भी नहीं गिरती। यहाँ की औसत वार्षिक वर्षा मात्र 170 मिमी के आसपास होती है, जो भारत के अधिकांश भागों से कहीं कम है।लेकिन जब कभी स्पीति में बारिश होती है, तो वह एक अनोखा अनुभव बन जाता है। स्थानीय लोग इसे ईश्वर का आशीर्वाद मानते हैं। बारिश की बूँदें जब सूखी ज़मीन पर गिरती हैं, तो मिट्टी से एक भीनी-भीनी खुशबू उठती है जो मन को बहुत भाती है। पहाड़ों से पानी बहने लगता है, नदियाँ झूमने लगती हैं और पूरा वातावरण एक नई ताजगी से भर जाता है। बर्फ से ढकी चट्टानों पर पानी की बूँदें गिरने लगती हैं, जिससे वहाँ एक प्राकृतिक संगीत जैसा वातावरण बन जाता है। स्पीति में बारिश का विशेष महत्व कृषि के क्षेत्र में भी होता है। यहाँ खेती करना आसान नहीं होता, क्योंकि मिट्टी कम उपजाऊ है और पानी की भारी कमी होती है। ऐसे में जब वर्षा होती है, तो किसान बहुत खुश होते हैं। वे जल्दी से अपने खेतों को जोतते हैं और बीज बोते हैं। वर्षा के पानी से मिट्टी थोड़ी नरम हो जाती है, जिससे फसल के अंकुरण में सहायता मिलती है। हालाँकि यहाँ सिंचाई के लिए नदियों और ग्लेशियरों से आने वाले जल का उपयोग किया जाता है, लेकिन प्राकृतिक वर्षा की तुलना नहीं की जा सकती।बारिश के समय स्पीति की सुंदरता और बढ़ जाती है। बादलों की छाया पहाड़ों पर गिरती है, जिससे वे और भी रहस्यमय और सुंदर लगते हैं। पर्यटक इस दृश्य को देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं। कई फोटोग्राफर स्पीति की बारिश के दृश्य को कैमरे में कैद करने आते हैं। यहाँ के मठ, जैसे की की मठ, धंकर मठ और टाबो मठ, बारिश में और भी शांत और दिव्य लगते हैं। हालांकि बारिश कभी-कभी मुश्किलें भी लेकर आती है। क्योंकि क्षेत्र की मिट्टी ढीली होती है, ऐसे में वर्षा के कारण भूस्खलन (landslide) की संभावना बढ़ जाती है। इससे सड़कों के बंद होने, यातायात में बाधा और पर्यटकों को परेशानी होने की संभावना होती है। लेकिन स्थानीय प्रशासन और लोग इन परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहते हैं। स्पीति में बारिश केवल एक मौसमी घटना नहीं है, यह वहाँ के जीवन का एक विशेष हिस्सा है। यहाँ की सूखी धरती जब पानी की बूँदों से मिलती है, तो वह धरती मुस्कराने लगती है। लोगों के चेहरे पर भी एक अलग सी चमक आ जाती है। यह बारिश केवल मिट्टी को नहीं भिगोती, बल्कि यहाँ के लोगों के दिलों को भी ताजगी से भर देती है। इस प्रकार, स्पीति में बारिश भले ही बहुत कम होती हो, लेकिन उसका प्रभाव गहरा होता है – प्रकृति पर भी और इंसान पर भी। यह जीवन में संतुलन का एक सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करती है – जहाँ थोड़े में भी संतोष और आनंद लिया जा सकता है।
प्रश्न : बारिश का स्पीति की कृषि पर क्या प्रभाव होता है?
76.
निम्नलिखित गद्दाांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
अहिल्याबाई होलकर भारतीय इतिहास की उन महान महिलाओं में से एक थीं जिन्होंने अपने नेतृत्व, न्यायप्रियता और धार्मिकता से समाज को नई दिशा दी। वे होलकर वंश की रानी थीं और अपने शासनकाल में उन्होंने न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अद्वितीय योगदान दिया।अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के चौंडी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम माणकोजी शिंदे था। एक साधारण परिवार में जन्मी अहिल्या ने बचपन से ही साहस, करुणा और कर्तव्यनिष्ठा जैसे गुणों को अपनाया। उनका विवाह मालवा के शासक मल्हारराव होलकर के पुत्र खंडेराव होलकर से हुआ। विवाह के बाद उन्होंने राजकाज और समाज सेवा में रुचि लेना शुरू किया।दुर्भाग्यवश, खंडेराव की मृत्यु 1754 में कुंभेरी के युद्ध में हो गई और बाद में उनके पुत्र मालेराव की भी अल्पायु में मृत्यु हो गई। इसके बाद 1767 में अहिल्याबाई होलकर ने स्वयं शासन संभाला और लगभग 30 वर्षों तक मालवा राज्य को कुशलतापूर्वक चलाया। यह वह समय था जब भारत पर अनेक आक्रमण हो रहे थे और देश की राजनीतिक स्थिति अस्थिर थी। ऐसे समय में अहिल्याबाई ने अपने आत्मबल, निर्णय क्षमता और न्यायप्रियता से राज्य को सुरक्षित और समृद्ध बनाया।उनका शासन न्यायपूर्ण था। वे प्रतिदिन प्रजा की शिकायतें सुनती थीं और तुरंत निर्णय देती थीं। अहिल्याबाई का दरबार सभी के लिए खुला था, चाहे वह अमीर हो या गरीब। वे स्त्रियों की स्थिति सुधारने के पक्ष में थीं और महिलाओं को शिक्षा तथा संपत्ति में अधिकार देती थीं। उन्होंने सती प्रथा का विरोध किया और विधवाओं को सम्मानपूर्वक जीवन जीने की प्रेरणा दी।अहिल्याबाई होलकर न केवल एक महान प्रशासक थीं, बल्कि एक अद्वितीय दानवीर और धर्मपरायण शासिका भी थीं। उन्होंने भारत के विभिन्न तीर्थस्थलों जैसे काशी, गया, अयोध्या, मथुरा, द्वारका, हरिद्वार, रामेश्वरम और बद्रीनाथ में मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया। सबसे प्रसिद्ध कार्यों में से एक है – काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण। मुग़लों द्वारा ध्वस्त किए गए इस मंदिर को अहिल्याबाई ने फिर से बनवाया और उसके जीर्णोद्धार में कोई कसर नहीं छोड़ी।उनका योगदान केवल धर्म और न्याय तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने कृषि, सिंचाई, व्यापार, शिक्षा और महिला कल्याण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किए। उन्होंने कुएँ, बावड़ी, सड़कें और धर्मशालाएँ बनवाकर जनता की आवश्यकताओं की पूर्ति की। वे जनता के सुख-दुख में भागीदारी करती थीं और संकट के समय राहत पहुँचाने के लिए स्वयं आगे आती थीं। अहिल्याबाई सादगी की प्रतिमूर्ति थीं। वे महलों की शोभा और आडंबर से दूर रहती थीं। उनका जीवन संयमित और धर्मनिष्ठ था। उन्होंने प्रशासन में पारदर्शिता और ईमानदारी को महत्व दिया और भ्रष्टाचार को कभी सहन नहीं किया। उनके द्वारा नियुक्त दीवान तुकोजीराव होलकर भी एक योग्य सेनापति और प्रशासक सिद्ध हुए। अहिल्याबाई ने यह सिद्ध कर दिखाया कि एक स्त्री भी राजकाज में पुरुषों से किसी भी दृष्टि से कम नहीं होती। उनका शासनकाल आज भी आदर्श शासन की मिसाल माना जाता है। वे भारतीय इतिहास की उन विरल विभूतियों में से हैं, जिनका स्मरण श्रद्धा और गौरव के साथ किया जाता है। 1795 ई. में जब अहिल्याबाई का निधन हुआ, तो पूरा राज्य शोक में डूब गया। उन्हें ‘राजमाता’ और ‘मालवा की देवी’ कहकर सम्मानित किया गया। आज भी भारत के अनेक स्थानों पर उनके नाम से सड़कें, मूर्तियाँ और संस्थान स्थापित हैं, जो उनके योगदान की गवाही देते हैं।
प्रश्न 1 अहिल्याबाई होलकर का जन्म किस स्थान पर हुआ था?
77.
निम्नलिखित गद्दाांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
अहिल्याबाई होलकर भारतीय इतिहास की उन महान महिलाओं में से एक थीं जिन्होंने अपने नेतृत्व, न्यायप्रियता और धार्मिकता से समाज को नई दिशा दी। वे होलकर वंश की रानी थीं और अपने शासनकाल में उन्होंने न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अद्वितीय योगदान दिया।अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के चौंडी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम माणकोजी शिंदे था। एक साधारण परिवार में जन्मी अहिल्या ने बचपन से ही साहस, करुणा और कर्तव्यनिष्ठा जैसे गुणों को अपनाया। उनका विवाह मालवा के शासक मल्हारराव होलकर के पुत्र खंडेराव होलकर से हुआ। विवाह के बाद उन्होंने राजकाज और समाज सेवा में रुचि लेना शुरू किया।दुर्भाग्यवश, खंडेराव की मृत्यु 1754 में कुंभेरी के युद्ध में हो गई और बाद में उनके पुत्र मालेराव की भी अल्पायु में मृत्यु हो गई। इसके बाद 1767 में अहिल्याबाई होलकर ने स्वयं शासन संभाला और लगभग 30 वर्षों तक मालवा राज्य को कुशलतापूर्वक चलाया। यह वह समय था जब भारत पर अनेक आक्रमण हो रहे थे और देश की राजनीतिक स्थिति अस्थिर थी। ऐसे समय में अहिल्याबाई ने अपने आत्मबल, निर्णय क्षमता और न्यायप्रियता से राज्य को सुरक्षित और समृद्ध बनाया।उनका शासन न्यायपूर्ण था। वे प्रतिदिन प्रजा की शिकायतें सुनती थीं और तुरंत निर्णय देती थीं। अहिल्याबाई का दरबार सभी के लिए खुला था, चाहे वह अमीर हो या गरीब। वे स्त्रियों की स्थिति सुधारने के पक्ष में थीं और महिलाओं को शिक्षा तथा संपत्ति में अधिकार देती थीं। उन्होंने सती प्रथा का विरोध किया और विधवाओं को सम्मानपूर्वक जीवन जीने की प्रेरणा दी।अहिल्याबाई होलकर न केवल एक महान प्रशासक थीं, बल्कि एक अद्वितीय दानवीर और धर्मपरायण शासिका भी थीं। उन्होंने भारत के विभिन्न तीर्थस्थलों जैसे काशी, गया, अयोध्या, मथुरा, द्वारका, हरिद्वार, रामेश्वरम और बद्रीनाथ में मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया। सबसे प्रसिद्ध कार्यों में से एक है – काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण। मुग़लों द्वारा ध्वस्त किए गए इस मंदिर को अहिल्याबाई ने फिर से बनवाया और उसके जीर्णोद्धार में कोई कसर नहीं छोड़ी।उनका योगदान केवल धर्म और न्याय तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने कृषि, सिंचाई, व्यापार, शिक्षा और महिला कल्याण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किए। उन्होंने कुएँ, बावड़ी, सड़कें और धर्मशालाएँ बनवाकर जनता की आवश्यकताओं की पूर्ति की। वे जनता के सुख-दुख में भागीदारी करती थीं और संकट के समय राहत पहुँचाने के लिए स्वयं आगे आती थीं। अहिल्याबाई सादगी की प्रतिमूर्ति थीं। वे महलों की शोभा और आडंबर से दूर रहती थीं। उनका जीवन संयमित और धर्मनिष्ठ था। उन्होंने प्रशासन में पारदर्शिता और ईमानदारी को महत्व दिया और भ्रष्टाचार को कभी सहन नहीं किया। उनके द्वारा नियुक्त दीवान तुकोजीराव होलकर भी एक योग्य सेनापति और प्रशासक सिद्ध हुए। अहिल्याबाई ने यह सिद्ध कर दिखाया कि एक स्त्री भी राजकाज में पुरुषों से किसी भी दृष्टि से कम नहीं होती। उनका शासनकाल आज भी आदर्श शासन की मिसाल माना जाता है। वे भारतीय इतिहास की उन विरल विभूतियों में से हैं, जिनका स्मरण श्रद्धा और गौरव के साथ किया जाता है। 1795 ई. में जब अहिल्याबाई का निधन हुआ, तो पूरा राज्य शोक में डूब गया। उन्हें ‘राजमाता’ और ‘मालवा की देवी’ कहकर सम्मानित किया गया। आज भी भारत के अनेक स्थानों पर उनके नाम से सड़कें, मूर्तियाँ और संस्थान स्थापित हैं, जो उनके योगदान की गवाही देते हैं।
प्रश्न 1 अहिल्याबाई होलकर ने किस युद्ध के पश्चात शासन की बागडोर संभाली थी?
78.
निम्नलिखित गद्दाांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
अहिल्याबाई होलकर भारतीय इतिहास की उन महान महिलाओं में से एक थीं जिन्होंने अपने नेतृत्व, न्यायप्रियता और धार्मिकता से समाज को नई दिशा दी। वे होलकर वंश की रानी थीं और अपने शासनकाल में उन्होंने न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अद्वितीय योगदान दिया।अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के चौंडी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम माणकोजी शिंदे था। एक साधारण परिवार में जन्मी अहिल्या ने बचपन से ही साहस, करुणा और कर्तव्यनिष्ठा जैसे गुणों को अपनाया। उनका विवाह मालवा के शासक मल्हारराव होलकर के पुत्र खंडेराव होलकर से हुआ। विवाह के बाद उन्होंने राजकाज और समाज सेवा में रुचि लेना शुरू किया।दुर्भाग्यवश, खंडेराव की मृत्यु 1754 में कुंभेरी के युद्ध में हो गई और बाद में उनके पुत्र मालेराव की भी अल्पायु में मृत्यु हो गई। इसके बाद 1767 में अहिल्याबाई होलकर ने स्वयं शासन संभाला और लगभग 30 वर्षों तक मालवा राज्य को कुशलतापूर्वक चलाया। यह वह समय था जब भारत पर अनेक आक्रमण हो रहे थे और देश की राजनीतिक स्थिति अस्थिर थी। ऐसे समय में अहिल्याबाई ने अपने आत्मबल, निर्णय क्षमता और न्यायप्रियता से राज्य को सुरक्षित और समृद्ध बनाया।उनका शासन न्यायपूर्ण था। वे प्रतिदिन प्रजा की शिकायतें सुनती थीं और तुरंत निर्णय देती थीं। अहिल्याबाई का दरबार सभी के लिए खुला था, चाहे वह अमीर हो या गरीब। वे स्त्रियों की स्थिति सुधारने के पक्ष में थीं और महिलाओं को शिक्षा तथा संपत्ति में अधिकार देती थीं। उन्होंने सती प्रथा का विरोध किया और विधवाओं को सम्मानपूर्वक जीवन जीने की प्रेरणा दी।अहिल्याबाई होलकर न केवल एक महान प्रशासक थीं, बल्कि एक अद्वितीय दानवीर और धर्मपरायण शासिका भी थीं। उन्होंने भारत के विभिन्न तीर्थस्थलों जैसे काशी, गया, अयोध्या, मथुरा, द्वारका, हरिद्वार, रामेश्वरम और बद्रीनाथ में मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया। सबसे प्रसिद्ध कार्यों में से एक है – काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण। मुग़लों द्वारा ध्वस्त किए गए इस मंदिर को अहिल्याबाई ने फिर से बनवाया और उसके जीर्णोद्धार में कोई कसर नहीं छोड़ी।उनका योगदान केवल धर्म और न्याय तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने कृषि, सिंचाई, व्यापार, शिक्षा और महिला कल्याण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किए। उन्होंने कुएँ, बावड़ी, सड़कें और धर्मशालाएँ बनवाकर जनता की आवश्यकताओं की पूर्ति की। वे जनता के सुख-दुख में भागीदारी करती थीं और संकट के समय राहत पहुँचाने के लिए स्वयं आगे आती थीं। अहिल्याबाई सादगी की प्रतिमूर्ति थीं। वे महलों की शोभा और आडंबर से दूर रहती थीं। उनका जीवन संयमित और धर्मनिष्ठ था। उन्होंने प्रशासन में पारदर्शिता और ईमानदारी को महत्व दिया और भ्रष्टाचार को कभी सहन नहीं किया। उनके द्वारा नियुक्त दीवान तुकोजीराव होलकर भी एक योग्य सेनापति और प्रशासक सिद्ध हुए। अहिल्याबाई ने यह सिद्ध कर दिखाया कि एक स्त्री भी राजकाज में पुरुषों से किसी भी दृष्टि से कम नहीं होती। उनका शासनकाल आज भी आदर्श शासन की मिसाल माना जाता है। वे भारतीय इतिहास की उन विरल विभूतियों में से हैं, जिनका स्मरण श्रद्धा और गौरव के साथ किया जाता है। 1795 ई. में जब अहिल्याबाई का निधन हुआ, तो पूरा राज्य शोक में डूब गया। उन्हें ‘राजमाता’ और ‘मालवा की देवी’ कहकर सम्मानित किया गया। आज भी भारत के अनेक स्थानों पर उनके नाम से सड़कें, मूर्तियाँ और संस्थान स्थापित हैं, जो उनके योगदान की गवाही देते हैं।
प्रश्न 1 निम्न में से कौन-सा कथन अहिल्याबाई की सामाजिक दृष्टि को दर्शाता है?
79.
निम्नलिखित गद्दाांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
अहिल्याबाई होलकर भारतीय इतिहास की उन महान महिलाओं में से एक थीं जिन्होंने अपने नेतृत्व, न्यायप्रियता और धार्मिकता से समाज को नई दिशा दी। वे होलकर वंश की रानी थीं और अपने शासनकाल में उन्होंने न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अद्वितीय योगदान दिया।अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के चौंडी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम माणकोजी शिंदे था। एक साधारण परिवार में जन्मी अहिल्या ने बचपन से ही साहस, करुणा और कर्तव्यनिष्ठा जैसे गुणों को अपनाया। उनका विवाह मालवा के शासक मल्हारराव होलकर के पुत्र खंडेराव होलकर से हुआ। विवाह के बाद उन्होंने राजकाज और समाज सेवा में रुचि लेना शुरू किया।दुर्भाग्यवश, खंडेराव की मृत्यु 1754 में कुंभेरी के युद्ध में हो गई और बाद में उनके पुत्र मालेराव की भी अल्पायु में मृत्यु हो गई। इसके बाद 1767 में अहिल्याबाई होलकर ने स्वयं शासन संभाला और लगभग 30 वर्षों तक मालवा राज्य को कुशलतापूर्वक चलाया। यह वह समय था जब भारत पर अनेक आक्रमण हो रहे थे और देश की राजनीतिक स्थिति अस्थिर थी। ऐसे समय में अहिल्याबाई ने अपने आत्मबल, निर्णय क्षमता और न्यायप्रियता से राज्य को सुरक्षित और समृद्ध बनाया।उनका शासन न्यायपूर्ण था। वे प्रतिदिन प्रजा की शिकायतें सुनती थीं और तुरंत निर्णय देती थीं। अहिल्याबाई का दरबार सभी के लिए खुला था, चाहे वह अमीर हो या गरीब। वे स्त्रियों की स्थिति सुधारने के पक्ष में थीं और महिलाओं को शिक्षा तथा संपत्ति में अधिकार देती थीं। उन्होंने सती प्रथा का विरोध किया और विधवाओं को सम्मानपूर्वक जीवन जीने की प्रेरणा दी।अहिल्याबाई होलकर न केवल एक महान प्रशासक थीं, बल्कि एक अद्वितीय दानवीर और धर्मपरायण शासिका भी थीं। उन्होंने भारत के विभिन्न तीर्थस्थलों जैसे काशी, गया, अयोध्या, मथुरा, द्वारका, हरिद्वार, रामेश्वरम और बद्रीनाथ में मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया। सबसे प्रसिद्ध कार्यों में से एक है – काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण। मुग़लों द्वारा ध्वस्त किए गए इस मंदिर को अहिल्याबाई ने फिर से बनवाया और उसके जीर्णोद्धार में कोई कसर नहीं छोड़ी।उनका योगदान केवल धर्म और न्याय तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने कृषि, सिंचाई, व्यापार, शिक्षा और महिला कल्याण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किए। उन्होंने कुएँ, बावड़ी, सड़कें और धर्मशालाएँ बनवाकर जनता की आवश्यकताओं की पूर्ति की। वे जनता के सुख-दुख में भागीदारी करती थीं और संकट के समय राहत पहुँचाने के लिए स्वयं आगे आती थीं। अहिल्याबाई सादगी की प्रतिमूर्ति थीं। वे महलों की शोभा और आडंबर से दूर रहती थीं। उनका जीवन संयमित और धर्मनिष्ठ था। उन्होंने प्रशासन में पारदर्शिता और ईमानदारी को महत्व दिया और भ्रष्टाचार को कभी सहन नहीं किया। उनके द्वारा नियुक्त दीवान तुकोजीराव होलकर भी एक योग्य सेनापति और प्रशासक सिद्ध हुए। अहिल्याबाई ने यह सिद्ध कर दिखाया कि एक स्त्री भी राजकाज में पुरुषों से किसी भी दृष्टि से कम नहीं होती। उनका शासनकाल आज भी आदर्श शासन की मिसाल माना जाता है। वे भारतीय इतिहास की उन विरल विभूतियों में से हैं, जिनका स्मरण श्रद्धा और गौरव के साथ किया जाता है। 1795 ई. में जब अहिल्याबाई का निधन हुआ, तो पूरा राज्य शोक में डूब गया। उन्हें ‘राजमाता’ और ‘मालवा की देवी’ कहकर सम्मानित किया गया। आज भी भारत के अनेक स्थानों पर उनके नाम से सड़कें, मूर्तियाँ और संस्थान स्थापित हैं, जो उनके योगदान की गवाही देते हैं।
प्रश्न 1 अहिल्याबाई के शासनकाल को आज किस रूप में याद किया जाता है?
80.
निम्नलिखित गद्दाांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
अहिल्याबाई होलकर भारतीय इतिहास की उन महान महिलाओं में से एक थीं जिन्होंने अपने नेतृत्व, न्यायप्रियता और धार्मिकता से समाज को नई दिशा दी। वे होलकर वंश की रानी थीं और अपने शासनकाल में उन्होंने न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अद्वितीय योगदान दिया।अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के चौंडी गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम माणकोजी शिंदे था। एक साधारण परिवार में जन्मी अहिल्या ने बचपन से ही साहस, करुणा और कर्तव्यनिष्ठा जैसे गुणों को अपनाया। उनका विवाह मालवा के शासक मल्हारराव होलकर के पुत्र खंडेराव होलकर से हुआ। विवाह के बाद उन्होंने राजकाज और समाज सेवा में रुचि लेना शुरू किया।दुर्भाग्यवश, खंडेराव की मृत्यु 1754 में कुंभेरी के युद्ध में हो गई और बाद में उनके पुत्र मालेराव की भी अल्पायु में मृत्यु हो गई। इसके बाद 1767 में अहिल्याबाई होलकर ने स्वयं शासन संभाला और लगभग 30 वर्षों तक मालवा राज्य को कुशलतापूर्वक चलाया। यह वह समय था जब भारत पर अनेक आक्रमण हो रहे थे और देश की राजनीतिक स्थिति अस्थिर थी। ऐसे समय में अहिल्याबाई ने अपने आत्मबल, निर्णय क्षमता और न्यायप्रियता से राज्य को सुरक्षित और समृद्ध बनाया।उनका शासन न्यायपूर्ण था। वे प्रतिदिन प्रजा की शिकायतें सुनती थीं और तुरंत निर्णय देती थीं। अहिल्याबाई का दरबार सभी के लिए खुला था, चाहे वह अमीर हो या गरीब। वे स्त्रियों की स्थिति सुधारने के पक्ष में थीं और महिलाओं को शिक्षा तथा संपत्ति में अधिकार देती थीं। उन्होंने सती प्रथा का विरोध किया और विधवाओं को सम्मानपूर्वक जीवन जीने की प्रेरणा दी।अहिल्याबाई होलकर न केवल एक महान प्रशासक थीं, बल्कि एक अद्वितीय दानवीर और धर्मपरायण शासिका भी थीं। उन्होंने भारत के विभिन्न तीर्थस्थलों जैसे काशी, गया, अयोध्या, मथुरा, द्वारका, हरिद्वार, रामेश्वरम और बद्रीनाथ में मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया। सबसे प्रसिद्ध कार्यों में से एक है – काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण। मुग़लों द्वारा ध्वस्त किए गए इस मंदिर को अहिल्याबाई ने फिर से बनवाया और उसके जीर्णोद्धार में कोई कसर नहीं छोड़ी।उनका योगदान केवल धर्म और न्याय तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने कृषि, सिंचाई, व्यापार, शिक्षा और महिला कल्याण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य किए। उन्होंने कुएँ, बावड़ी, सड़कें और धर्मशालाएँ बनवाकर जनता की आवश्यकताओं की पूर्ति की। वे जनता के सुख-दुख में भागीदारी करती थीं और संकट के समय राहत पहुँचाने के लिए स्वयं आगे आती थीं। अहिल्याबाई सादगी की प्रतिमूर्ति थीं। वे महलों की शोभा और आडंबर से दूर रहती थीं। उनका जीवन संयमित और धर्मनिष्ठ था। उन्होंने प्रशासन में पारदर्शिता और ईमानदारी को महत्व दिया और भ्रष्टाचार को कभी सहन नहीं किया। उनके द्वारा नियुक्त दीवान तुकोजीराव होलकर भी एक योग्य सेनापति और प्रशासक सिद्ध हुए। अहिल्याबाई ने यह सिद्ध कर दिखाया कि एक स्त्री भी राजकाज में पुरुषों से किसी भी दृष्टि से कम नहीं होती। उनका शासनकाल आज भी आदर्श शासन की मिसाल माना जाता है। वे भारतीय इतिहास की उन विरल विभूतियों में से हैं, जिनका स्मरण श्रद्धा और गौरव के साथ किया जाता है। 1795 ई. में जब अहिल्याबाई का निधन हुआ, तो पूरा राज्य शोक में डूब गया। उन्हें ‘राजमाता’ और ‘मालवा की देवी’ कहकर सम्मानित किया गया। आज भी भारत के अनेक स्थानों पर उनके नाम से सड़कें, मूर्तियाँ और संस्थान स्थापित हैं, जो उनके योगदान की गवाही देते हैं।
प्रश्न 1 अहिल्याबाई द्वारा नियुक्त दीवान तुकोजीराव होलकर की प्रमुख विशेषता क्या थी?
81.
निर्देश : किसी देश के किसी विशेष वर्ष के व्यय पाई चार्ट में दिए गए हैं। पाई चार्ट को पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें।

प्रश्न 1: यदि वर्ष के दौरान सरकार द्वारा खर्च की गई कुल राशि 1,00,000 करोड़ रुपये थी, तो स्वास्थ्य और शिक्षा पर एक साथ खर्च की गई राशि थी?
82.
निर्देश : किसी देश के किसी विशेष वर्ष के व्यय पाई चार्ट में दिए गए हैं। पाई चार्ट को पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें।

प्रश्न 2 : यदि वर्ष के दौरान सरकार द्वारा व्यय की गई कुल राशि 3,00,000 करोड़ रुपये थी, तो राज्य विकास पर व्यय की गई राशि खेलों पर व्यय की गई राशि से अधिक है।
83.
निर्देश : किसी देश के किसी विशेष वर्ष के व्यय पाई चार्ट में दिए गए हैं। पाई चार्ट को पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें।

प्रश्न 3: रक्षा की तुलना में गैर-योजना पर कम खर्च की गई धनराशि का प्रतिशत कितना है?
84.
निर्देश : किसी देश के किसी विशेष वर्ष के व्यय पाई चार्ट में दिए गए हैं। पाई चार्ट को पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें।

प्रश्न 4 : खेलों के अलावा अन्य पर खर्च की गई अतिरिक्त धनराशि का प्रतिशत क्या है ?
85.
निर्देश : किसी देश के किसी विशेष वर्ष के व्यय पाई चार्ट में दिए गए हैं। पाई चार्ट को पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर दें।

प्रश्न 5 : स्वास्थ्य पर कुल व्यय का कितना प्रतिशत व्यय किया जाता है?
86.
निम्नलिखित ग्राफ वर्ष 2019 से 2024 तक एक कारखाने द्वारा दो प्रकार (P और Q) के वाहनों का उत्पादन (हजारों में) दर्शाता है। ग्राफ का अध्ययन करें और दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें।

प्रश्न 16 : दिए गए वर्षों में से कितने वर्षों में कंपनी के P वाहनों का उत्पादन दिए गए वर्षों में इस प्रकार के वाहनों के औसत उत्पादन से अधिक था?
87.
निम्नलिखित ग्राफ वर्ष 2019 से 2024 तक एक कारखाने द्वारा दो प्रकार (P और Q) के वाहनों का उत्पादन (हजारों में) दर्शाता है। ग्राफ का अध्ययन करें और दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें।

प्रश्न: 2020 से 2021 तक Q वाहनों के उत्पादन में अनुमानित प्रतिशत कमी है ?
88.
निम्नलिखित ग्राफ वर्ष 2019 से 2024 तक एक कारखाने द्वारा दो प्रकार (P और Q) के वाहनों का उत्पादन (हजारों में) दर्शाता है। ग्राफ का अध्ययन करें और दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें।

प्रश्न 18 : वर्ष 2019 और 2021 में P वाहनों का कुल उत्पादन, वर्ष 2020 और 2024 में Q वाहनों के कुल उत्पादन का कितना प्रतिशत है?
89.
निम्नलिखित ग्राफ वर्ष 2019 से 2024 तक एक कारखाने द्वारा दो प्रकार (P और Q) के वाहनों का उत्पादन (हजारों में) दर्शाता है। ग्राफ का अध्ययन करें और दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें।

प्रश्न 19 : विभिन्न वर्षों में P वाहनों के कुल उत्पादन का Q वाहनों के कुल उत्पादन से अनुपात है?
90.
निम्नलिखित ग्राफ वर्ष 2019 से 2024 तक एक कारखाने द्वारा दो प्रकार (P और Q) के वाहनों का उत्पादन (हजारों में) दर्शाता है। ग्राफ का अध्ययन करें और दिए गए प्रश्नों के उत्तर दें।

प्रश्न : 2020 में Q वाहनों का उत्पादन 2024 में P वाहनों का लगभग कितना प्रतिशत था?
91.
तालिका पढ़ें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।
पाँच शहरों P, Q, R, S और T में रहने वाले लोगों की फ़िल्म देखने की आदतों का सर्वेक्षण नीचे एक तालिका में संक्षेपित किया गया है। तालिका में स्तंभ I प्रत्येक शहर में फ़िल्म देखने वालों का प्रतिशत दर्शाता है जो सप्ताह में केवल एक फ़िल्म देखते हैं। स्तंभ II फ़िल्म देखने वालों की कुल संख्या दर्शाता है जो प्रति सप्ताह दो या अधिक फ़िल्में देखते हैं।
प्रश्न: शहर R में कितने फिल्म देखने वाले एक सप्ताह में केवल एक फिल्म देखते हैं?
92.
तालिका पढ़ें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।
पाँच शहरों P, Q, R, S और T में रहने वाले लोगों की फ़िल्म देखने की आदतों का सर्वेक्षण नीचे एक तालिका में संक्षेपित किया गया है। तालिका में स्तंभ I प्रत्येक शहर में फ़िल्म देखने वालों का प्रतिशत दर्शाता है जो सप्ताह में केवल एक फ़िल्म देखते हैं। स्तंभ II फ़िल्म देखने वालों की कुल संख्या दर्शाता है जो प्रति सप्ताह दो या अधिक फ़िल्में देखते हैं।

प्रश्न : किस शहर में फिल्म देखने वालों की संख्या सबसे अधिक है जो सप्ताह में केवल एक फिल्म देखते हैं?
93.
तालिका पढ़ें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।
पाँच शहरों P, Q, R, S और T में रहने वाले लोगों की फ़िल्म देखने की आदतों का सर्वेक्षण नीचे एक तालिका में संक्षेपित किया गया है। तालिका में स्तंभ I प्रत्येक शहर में फ़िल्म देखने वालों का प्रतिशत दर्शाता है जो सप्ताह में केवल एक फ़िल्म देखते हैं। स्तंभ II फ़िल्म देखने वालों की कुल संख्या दर्शाता है जो प्रति सप्ताह दो या अधिक फ़िल्में देखते हैं।

प्रश्न : सबसे कम फिल्म देखने वालों वाला शहर कौन सा है?
94.
तालिका पढ़ें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।
पाँच शहरों P, Q, R, S और T में रहने वाले लोगों की फ़िल्म देखने की आदतों का सर्वेक्षण नीचे एक तालिका में संक्षेपित किया गया है। तालिका में स्तंभ I प्रत्येक शहर में फ़िल्म देखने वालों का प्रतिशत दर्शाता है जो सप्ताह में केवल एक फ़िल्म देखते हैं। स्तंभ II फ़िल्म देखने वालों की कुल संख्या दर्शाता है जो प्रति सप्ताह दो या अधिक फ़िल्में देखते हैं।

प्रश्न : पांच शहरों में एक सप्ताह में केवल एक फिल्म देखने वाले कुल फिल्म देखने वालों की संख्या कितनी है?
95.
तालिका पढ़ें और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।
पाँच शहरों P, Q, R, S और T में रहने वाले लोगों की फ़िल्म देखने की आदतों का सर्वेक्षण नीचे एक तालिका में संक्षेपित किया गया है। तालिका में स्तंभ I प्रत्येक शहर में फ़िल्म देखने वालों का प्रतिशत दर्शाता है जो सप्ताह में केवल एक फ़िल्म देखते हैं। स्तंभ II फ़िल्म देखने वालों की कुल संख्या दर्शाता है जो प्रति सप्ताह दो या अधिक फ़िल्में देखते हैं।

प्रश्न :किसी भी शहर में फिल्म देखने वालों की सबसे अधिक संख्या कितनी है?
96.
निम्नलिखित प्रश्न नीचे दी गई तालिका पर आधारित हैं जो समान दिशा में दो व्यक्तियों A और B द्वारा तय की गई दूरी (किमी में) को दर्शाता है।

प्रश्न: पहले चार घंटों के दौरान B की औसत गति (किमी/घंटा) क्या है?
97.
निम्नलिखित प्रश्न नीचे दी गई तालिका पर आधारित हैं जो समान दिशा में दो व्यक्तियों A और B द्वारा तय की गई दूरी (किमी में) को दर्शाता है।

प्रश्न: पहले पाँच घंटे और अंतिम पाँच घंटे के दौरान A की गति का अनुपात क्या है?
98.
निम्नलिखित प्रश्न नीचे दी गई तालिका पर आधारित हैं जो समान दिशा में दो व्यक्तियों A और B द्वारा तय की गई दूरी (किमी में) को दर्शाता है।

प्रश्न: 8 वें घंटे के अंत में A और B के बीच की दूरी (किमी में) क्या है?
99.
निम्नलिखित प्रश्न नीचे दी गई तालिका पर आधारित हैं जो समान दिशा में दो व्यक्तियों A और B द्वारा तय की गई दूरी (किमी में) को दर्शाता है।

प्रश्न : A और B के बीच की दूरी रेखा के अंत में अधिकतम है।
100.
निम्नलिखित प्रश्न नीचे दी गई तालिका पर आधारित हैं जो समान दिशा में दो व्यक्तियों A और B द्वारा तय की गई दूरी (किमी में) को दर्शाता है।

प्रश्न : A और B दोनों की कुल दूरी के औसत का अंतर (Average Distance per Hour) कितना है?
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